दादरी के बिसहड़ा गांव में एक युवक का शव मिलने से तनाव फैल गया। इसी गांव में हाल ही में कथित तौर पर गौमांस खाने की अफवाह के कारण एक मुस्लिम व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने गोमांस खाने की अफवाह को लेकर हत्या के मामले पर केंद्र को रिपोर्ट सौंप दी है, लेकिन उसमें ‘गौमांस खाने अथवा गोवध’ की अफवाह का उल्लेख नहीं है।
यहां चौबीस वर्षीय युवक जयप्रकाश आज रहस्यमय परिस्थितियों में अपने घर में मृत पाया गया। उसके परिवार ने आरोप लगाया कि गौमांस खाने की अफवाह को लेकर अखलाक की पीट-पीटकर हत्या किए जाने की घटना के बाद से पुलिस उसे प्रताड़ित कर रही थी। युवक की पहचान जय प्रकाश के तौर पर की गई है जो दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करता था।
थाना प्रभारी रणवीर सिंह ने कहा, ‘‘मृत व्यक्ति के शव पर साफ तौर पर निशान दिख रहे हैं जो मौत के कारणों और समय का संकेत देते हैं। जांच शुरू कर दी गई है लेकिन जब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिल जाती तब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है।’’
जयप्रकाश अपनी मां ओमवती, पत्नी गुड्डी और दो भाइयों के साथ रहता था। उसके पिता राम अवतार सिंह का कुछ वर्षों पहले निधन हो गया था। उसका घर अखलाख के घर से कुछ ही दूरी पर है। अखलाख (50) की एक सप्ताह पहले कथित तौर पर गाय का वध किए जाने और उसका मांस खाने की अफवाह को लेकर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।
जय प्रकाश अपने तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। उसका उससे छोटा भाई रवि (20) हाल में ही बिहार चला गया था जबकि सबसे छोटा भाई विजेंद्र (18) है। जय प्रकाश की मां ओमवती ने पुलिस पर उसके बेटे को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। ओमवती ने कहा कि उसका बेटा काफी दबाव में था हालांकि उसका नाम फरार लोगों की सूची में नहीं था।
दादरी के बिसहड़ा के ग्रामीणों ने दावा किया कि पुलिस को जय प्रकाश और उसके भाइयों की पिछले एक सप्ताह से तलाश थी और उसका परिवार इसकी वजह से डरा हुआ था।
गांव के एक प्रतिनिधि हरि राम सिंह ने आरोप लगाया, ‘‘पुलिस गांव में रोजाना छापेमारी कर रही है। इसकी वजह से काफी तनाव है। वह सबको प्रताड़ित कर रही है। उसमें जय प्रकाश जैसे लोग भी हैं जिनका नाम फरार लोगों की सूची में नहीं था।’’
पुलिस ने इस बात की पुष्टि की कि जय प्रकाश का नाम फरार लोगों की सूची में नहीं था और घर पर छापेमारी करने और किसी तरह का आतंक फैलाने के आरोपों का खंडन किया।