जरायम और आतंक की दुनिया के सरगना दाऊद इब्राहीम के बारे में मंगलवार को सरकार ने कहा कि उसके ठिकाने से वह अनजान है। इससे पहले सरकार दावा करती रही कि दाऊद के पाकिस्तान में होने के पक्के सबूत उसके पास हैं। लेकिन सरकार ने अपने पहले के रुख से उलट संसद में अजीबोगरीब जवाब में कहा कि उसे इस बात की जानकारी नहीं है कि वह माफिया सरगना कहां है। लेकिन अपने इस जवाब से असहज स्थिति में घिरने पर सरकार अब बुधवार को अपने इस उत्तर के बारे में सदन में स्पष्टीकरण दे सकती है।
लोकसभा में नित्यानंद राय के प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री हरीभाई परथीभाई चौधरी ने कहा- अभी तक उसका (दाऊद) पता नहीं लग सका है। एक बार दाऊद इब्राहीम का पता लगने के बाद उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। राय ने सरकार से पूछा था कि देश में विभिन्न आतंकी मामलों में वांछित दाऊद इब्राहीम और अन्य आतंकियों के प्रत्यर्पण की स्थिति क्या है।
गृह राज्य मंत्री ने कहा कि दाऊद इब्राहीम 1993 के मुंबई विस्फोट मामले में अभियुक्त है और उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस संख्या 0135/4-1993 जारी है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी उसके विरुद्ध विशेष नोटिस जारी किया है। अभी तक उसका पता नहीं लग सका है। मीडिया में इस विषय पर सरकार के जवाब से जुड़ी खबर आने के बाद असहज स्थिति का सामना कर रही सरकार बुधवार को लोकसभा में इस बारे में स्पष्टीकरण देने की तैयारी में है।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि चौधरी ने इस बारे में गृह सचिव एलसी गोयल से चर्चा की है। अधिकारियों ने इसके लिए नौकरशाही स्तर पर गलती होने की बात कही है और उनका दावा है कि गृह मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय से विचार-विमर्श करके जवाब तैयार किया है। दिलचस्प बात यह है कि सरकार काफी समय से यह कहती रही है कि दाऊद इब्राहीम पाकिस्तान में वहां के सुरक्षा तंत्र के संरक्षण में रहता है। भारत ने दाऊद के बारे में पाकिस्तान को कई डोजियर दिए हैं, जिसमें देश में वांछित इस भगोड़े के पाकिस्तान स्थित उसके ठिकाने की जानकारी भी दी गई है।
27 दिसंबर 2014 को गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में कहा था कि दाऊद भारत में वांछित है और भारत ने पाकिस्तान से बार-बार उसे सौंपने को कहा है। इसी दिन गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने नई दिल्ली में कहा था कि भारत ने पाकिस्तान से दाऊद को सौंपने को कहा है क्योंकि उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं।
मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने आतंकवाद के मामलों में भारतीय प्राधिकरणों द्वारा वांछित भगोड़ों के प्रत्यर्पण के बारे में संबंधित देशों से त्वरित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है, जिनमें थाईलैंड से नरुएन आर्टवानिच, ब्रिटेन से बेलू उर्फ बूपालन उर्फ दिलीपन, और ब्रिटेन से ही मोहम्मद हनीफ टाइगर उर्फ मोहम्मद हनीफ उमरजी पटेल के मामले शामिल हैं।