आईसक्रीम बनाने वाली कंपनी क्वालिटी लिमिटेड का नाम एक बड़े बैंकिंग धोखधड़ी में सामने आ रहा है। डेयरी प्रोडक्ट्स कंपनी पर बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से कथित धोखाधड़ी कर उसे करीब 1,400 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप है।
इस संबंध में सीबीआई ने क्वालिटी लिमिटेड और उसके निदेशकों के आठ ठिकानों पर सोमवार को छापे मारे। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने क्वालिटी लिमिटेड और इसके निदेशकों संजय ढींगरा, सिद्धांत गुप्ता, अरुण श्रीवास्तव के अलावा अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सीबीआई के प्रवक्ता आर. के. गौड़ ने कहा कि शिकायत में आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले सहायत संघ को करीब 1400.62 करोड़ रुपये का चूना लगाया।
इस सहायता संघ में कैनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, कॉरपोरेशन बैंक, आईडीबीआई, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, धन लक्ष्मी बैंक और सिंडिकेट बैंक भी शामिल हैं। गौड़ ने बताया कि बैंकों से राशि लेकर इसे दूसरे मद में खर्च कर, संबंधित पक्षों से फर्जी लेन-देन दिखाकर, फर्जी दस्तावेज/रसीद और गलत बहीखाते के जरिए कथित धोखाधड़ी की गई और फर्जी संपत्ति एवं देनदारी आदि दिखाई गई।
सीबीआई ने कंपनी और आरोपियों के दिल्ली, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर एवं बुलंदशहर, राजस्थान के अजमेर और हरियाणा के पलवल सहित आठ ठिकानों की तलाशी ली। इससे पहले सीबीआई ने बैंक ऑफ इंडिया की एक शिकायत पर अपनी जांच शुरू की थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि क्वालिटी लिमिटेड ने 2010 से बैंक से उधार लिया था लेकिन 2018 की शुरुआत में भुगतान करना बंद कर दिया।
अगस्त 2018 में खाते को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) के रूप में वर्गीकृत किया गया। बैंक ने अपनी शिकायत में कहा कि खातों के फोरेंसिक ऑडिट से पता चला है कि कंपनी द्वारा की गई 14 13,147.25 करोड़ की कुल बिक्री में से केवल 7,107.23 करोड़ बैंकों के कंसोर्टियम से होकर निकले थे।
बैंक ने अपनी शिकायत में कहा, ‘क्वालिटी’ ने अपने कारोबारी परिचालन को चरमराते हुए अपने फाइनेंसियल स्टेटमेंट को खत्म कर दिया। इसके अलावा खातों में रिवर्स एंट्री कर हेराफेरी को अंजाम दिया। क्वॉलिटी लिमिटेड, कभी भारत के सबसे पुराने और सबसे लोकप्रिय आइसक्रीम निर्माताओं में से एक था। दिसंबर 2018 से कंपनी दिवाला कार्यवाही का सामना कर रही है।
(भाष इनपुट के साथ)