चक्रवाती तूफान निसर्ग बुधवार दोपहर महाराष्ट्र के समुद्र तटीय इलाकों से 120 किलोमीटर की रफ्तार से तूफान तटीय इलाकों से टकराया। लेकिन इसकी रफ्तार देर रात धीमी पड़ गई। अब यह 50 किलोमीटर की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। मुंंबई से सौ किलोमीटर दूर अलीबाग में इसका ज्यादा असर और नुकसान रहा। रायगढ जिले के अलीबाग के उमटे गांव में 58 साल के एक व्यक्ति के सिर पर बिजली का खंभा गिरने से उसकी मौत हो गई। जबकि पुणे में दीवार गिरने से दो की मौत हो गई। मुंबई के साथ ही ठाणे, रायगढ़, पालघर, रत्नागिरि और सिंधुदुर्ग जिलों में फसलों को नुकसान पहुंचा है।
तूफान निसर्ग महाराष्ट्र के तट से टकरा गया। मौसम विभाग के मुताबित कुछ ही देर में यह तूफान कमजोर पड़ने लगेगा। चक्रवात निसर्ग महाराष्ट्र के रायगढ़ और अलीबाग को पार करने के बाद अब यह नासिक की ओर बढ़ रहा है। सात बजे तक रद्द की गई मुंबई की उड़ाने एक बार फिर से शुरू कर दी गई हैं।
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महाराष्ट्र के रायगढ़ में एक शख्स की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि तेज हवा के चलते इस शख्स पर ट्रांसफार्मर गिर पड़ा जिसके चलते 58 वर्षीय एक शख्स की मौत हो गई। वहीं, पुणे में चक्रवात निसर्ग के चलते दो लोगों की मौत हो गई जबकि तीन लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी। खेड़ तहसील की रहने वाली 65 वर्षीय मंजाबाई के ऊपर दीवार गिरने से मौत हो गई, वहीं मोकड़वाड़ी के 52 वर्षीय प्रकाश मोकर अपने घर पर लगी टिन शेड उड़ने से बचा रहे थे इस दौरान वह जख्मी हो गए जिसके चलते बाद में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इससे पहले राज्य में तूफान निसर्ग के चलते कई इलाकों में तेज हवाएं चली और बारिश हुई। अलीबाग में कई जगह पेड़ उखड़ गए। एनडीआरएफ दल के कर्मचारियों ने यहां बचाव कार्य शुरू कर दिया है। मुंबई में हो रही तेज़ बारिश और आंधी के चलते नरीमन प्वाइंट और कालाचौकी इलाके में पेड़ जड़ से उखड़ गए हैं और कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं।।
तूफान निसर्ग का सबसे ज्यादा असर रायगढ़, सिंधुदुर्ग और रत्नागिरी जिले में देखने को मिला। तेज हवाओं ने कई जगहों पर तबाही मचाई है, जगह जगह पेड़ उखड़े हैं और बिजली सप्लाई पर भी इसका असर पड़ा है। चक्रवाती तूफान निसर्ग के कारण महाराष्ट्र में रत्नागिरि के तट के पास फंसे हुए एक पोत से बुधवार को कम से कम दस नाविकों को बचा कर निकाला गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ज्वार भाटे और भारी बारिश के कारण पोत मिरकवाड़ा के तट के पास चला गया था जहां से नाविकों को सुरक्षित बचा लिया गया।
पणजी महापौर उदय मडिक्कर ने कहा कि बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए लॉकडाउन के दौरान भी मानसून पूर्व काम जारी था। उन्होंने कहा कि हम आज स्थिति का आकलन करेंगे। बाढ़ का पानी निकालने के लिए हमारे कर्मचारी तैनात है। मौसम विभाग के अनुसार अरब सागर में कम दबाब के के क्षेत्र के कारण चक्रवाती तूफान निसर्ग के प्रबल होने की आशंका है जो बुधवार दोपहर उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तट पर पहुंचेगा और इसे पार कर जाएगा।।
चक्रवात ‘निसर्ग’ मुंबई के करीब अलीबाग तक पहुंचा लेकिन इसने महानगर को प्रभावित नहीं किया और अब यह महाराष्ट्र में पश्चिमी विदर्भ में दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो गया है और फिर कमजोर पड़ जायेगा । भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। चक्रवात निसर्ग ने बुधवार को यहां से करीब 110 किलोमीटर दूर अलीबाग के समीप दस्तक दी लेकिन पहले से ही कोविड-19 से जूझ रहे देश के आर्थिक केंद्र पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।
राजधानी दिल्ली समेत कई इलाकों में मौसम अभी कुछ दिन ऐसा ही रहनेवाला है। निसर्ग चक्रवात की वजह से महाराष्ट्र के बाद मध्य प्रदेश हाई-अलर्ट पर है। गुजरात, उत्तर प्रदेश में भी भी बारिश होगी। वहीं राजस्थान में बारिश के फुहार के साथ धूल भरी आंधी से भी दो-चार होना पड़ेगा।
चक्रवाती तूफान निसर्ग के महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में टकराने के बाद मुंबई के कुछ क्षेत्रों में तेज बारिश शुरू हो गई। मौसम विभाग के मुताबिक महाराष्ट्र के कई जिलों में गुरुवार की शाम तक आंधी-तूफान के साथ भारी बारिश का अनुमान जताया है। 'निसर्ग' तूफ़ान के कारण देश के कई राज्यों के मौसम में बदलाव हुआ। गुजरात में बुधवार सुबह से हो रही बारिश के चलते बाढ़ की स्तिथि बन गई। यहां 1.45 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। गुजरात के सबसे ज्यादा प्रभावित जिले गोलपाड़ा, नागांव, होजई और कछार हैं।
मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि दिल्लीवासियों को 10 जून तक लू का सामना नहीं करना पड़ेगा क्योंकि बुधवार से दक्षिण-पश्चिमी हवाएं दिल्ली-एनसीआर में नमी ला रही हैं। राष्ट्रीय राजधानी में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे बना रहा। मौसम विभाग ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में भी हल्की से अत्यंत हल्की बारिश दर्ज की गई। राज्य के पूर्वी हिस्सों में आंधी आयी और यह चार जून तक जारी रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि हरियाणा और पंजाब में आने वाले दिनों में भी अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे बना रहने का अनुमान है। वहीं, राजस्थान के कुछ हिस्सों में बारिश के कारण गर्मी से राहत मिली है। कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार (एएसडीएमए) की दैनिक बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार गोलपाड़ा जिले के लखीपुर में एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसके अलावा गोलपाड़ा,नागांव,होजई और कछार जिलों के कम से कम 1.45 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित गोलपाड़ा जिला है जहां 1.16 लाख लोग मुसीबत का सामना कर रहे हैं। इसके बाद होजई में 22,500 से अधिक और नागांव में 5,650 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। एएसडीएमए ने कहा कि एसडीआरएफ ने पिछले 24 घंटे में गोलपाड़ा में छह लोगों को बचाया है। वर्तमान में 212 गांवों में पानी भरा है और 22,718 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है।
गुजरात के तटीय जिलों सहित मुंबई-वासियों और पड़ोसी इलाकों के लोगों ने चक्रवात का मुकाबला करने के लिये तैयारियां कर रखी थी, लेकिन प्रभावित इलाकों में नुकसान के रूप में केवल पेड़ उखड़ने के कारण अधिक क्षति नहीं होने से लोगों ने राहत की सांस ली। गुजरात के दक्षिणी तटीय इलाकों में चक्रवात निसर्ग की वजह से कोई बड़ा नुकसान होने की खबर नहीं है। प्रदेश के राहत आयुक्त हर्षद पटेल ने कहा कि गनीमत रही कि चक्रवात बिना जानमाल के किसी बड़े नुकसान के गुजर गया।
चक्रवात निसर्ग बुधवार को मुंबई के करीब तक पहुंचा लेकिन कोविड-19 महामारी से जूझ रहे महानगर को इसने प्रभावित नहीं किया और शाम में यह कमजोर भी पड़ गया। हालांकि, इसके चलते तीन लोगों की मौत हो गई और इतने ही लोग घायल भी हुए हैं जबकि रायगढ़ और पालघर जिलों में तूफान के चलते पेड़ उखड़ गए। वहीं, असम में बाढ़ के हालात में थोड़ा सुधार हुआ। बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में एक व्यक्ति की मौत होने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है। इस इधर उत्तर प्रदेश और राजस्थान के अलावा देश के उत्तरी राज्यों के कई स्थानों में भी बारिश भी हुई, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई। भारतीय मौसम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चक्रवात ‘निसर्ग’ बुधवार दोपहर महाराष्ट्र तट पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं के साथ पहुंचा। यह अरब सागर से आया और दोपहर करीब साढ़े बारह बजे रायगढ़ जिले में स्थित अलीबाग में इसने दस्तक देना शुरू किया। यह प्रक्रिया दोपहर ढाई बजे पूरी हुई।
महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा है कि राज्य में चक्रवात के कारण हुए नुकसान की समीक्षा करने के लिए जांच के आदेश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘लोगों द्वारा प्रर्दिशत की गई एकता महाराष्ट्र को इस संकट से उबार लेगी।’’ उन्होंने चक्रवात से हुई दो लोगों की मौत पर भी दुख प्रकट किया। ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र पर मुंबई की मुम्बादेवी और पंढरपुर के विट्ठल का आशीर्वाद है। उन्होंने चऔक्रवात के दौरान काम करने वाले निकाय अधिकारियों, जिला प्रशासकों, आपदा प्रबंधन अधिकारियों और चिकित्सकों को धन्यवाद दिया।
चक्रवात निसर्ग बुधवार को मुंबई के करीब तक पहुंचा लेकिन कोविड-19 महामारी से जूझ रहे महानगर को इसने प्रभावित नहीं किया और शाम में यह कमजोर भी पड़ गया। हालांकि, इसके चलते तीन लोगों की मौत हो गई और इतने ही लोग घायल भी हुए हैं जबकि रायगढ़ और पालघर जिलों में तूफान के चलते पेड़ उखड़ गये।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा कि लोगों और अधिकारियों द्वारा दिखाए गए हिम्मत और जज्बे के कारण चक्रवाती तूफान निसर्ग के खतरे से निपटने में सहायता मिली। ठाकरे ने कहा कि तटीय कोंकण और कुछ अन्य क्षेत्रों से नुकसान की खबर प्राप्त हुई है।
तूफान के कारण मुंबई और अलीबाग समेत विभिन्न इलाकों में जोरदार बारिश हो रही है। मौसम विभाग के मुताबिक बीती एक सदी में ये पहला चक्रवाती तूफान है, जो महाराष्ट्र के तट से टकराया है। इससे पहले 1948 और 1980 में दो बार चक्रवाती तूफान आए थे, लेकिन दोनों समुद्र में ही कमजोर पड़ गए थे।
भारत मौसम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चक्रवात ‘निसर्ग’ बुधवार दोपहर महाराष्ट्र तट पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं के साथ पहुंचा। यह अरब सागर से आया और दोपहर करीब साढ़े बारह बजे रायगढ़ जिले में स्थित अलीबाग में इसने दस्तक देना शुरू किया। यह प्रक्रिया दोपहर ढाई बजे पूरी हुई।
चक्रवात ‘निसर्ग’ के कारण भारी बारिश से आई असम में बाढ़ के हालात में बुधवार को थोड़ा सुधार हुआ। बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में एक व्यक्ति की मौत होने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है। इस बीच, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के अलावा देश के उत्तरी राज्यों के कई स्थानों में भी बारिश भी हुई, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई।
महाराष्ट्र के श्रीवर्धन में एक 17 वर्षीय किशोर की मौत हो गई है। तूफान निसर्ग के चलते इस किशोर के ऊपर दीवार गिर गई जिसके बाद 17 वर्षीय इस किशोर ने दम तोड़ दिया। अमर जावेलकर कक्षा दसवीं का छात्र था। वह अपनी मां के साथ घर छोड़कर जा ही रहा था कि उसकी मौत हो गई।
पुणे में चक्रवात निसर्ग के चलते दो लोगों की मौत हो गई जबकि तीन लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी। खेड़ तहसील की रहने वाली 65 वर्षीय मंजाबाई के ऊपर दीवार गिरने से मौत हो गई, वहीं मोकड़वाड़ी के 52 वर्षीय प्रकाश मोकर अपने घर पर लगी टिन शेड उड़ने से बचा रहे थे इस दौरान वह जख्मी हो गए जिसके चलते बाद में उन्होंने दम तोड़ दिया।
महाराष्ट्र में रायगढ़ से राकांपा सांसद सुनील तटकरे ने बुधवार को तटीय इलाकों के लोगों से घरों में रहने की अपील करते हुए कहा कि चक्रवात निसर्ग अभी मंद नहीं पड़ा है और यह शाम में तीव्र हो सकता है। तटकरे ने ट्विटर पर लोगों से चक्रवात के संबंध में राज्य सरकार के निर्देशों का पालन करने की अपील की। यह तूफान रायगढ़ जिले में दिन में पहुंच चुका है। उन्होंने ट्वीट किया, " खतरा खत्म नहीं हुआ है। चक्रवात शाम के बाद तीव्र हो सकता है। इसलिए, लोगों को घरों में सुरक्षित रहना चाहिए। उन्हें किसी भी कारण से घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।" उन्होंने कहा कि चक्रवात का कहर रायगढ़ और रत्नागिरी जिलों में देखने को मिला, जहां पेड़ गिर गए और ढांचों की छतें उड़ गईं।
महाराष्ट्र के तटीय हिस्से में बुधवार को चक्रवात ‘निसर्ग’ की दस्तक को देखते हुए बॉलीवुड की तमाम हस्तियों ने लोगों से घरों में ही रहने और ना घबराने की अपील की। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को बताया कि ‘निसर्ग’ चक्रवात महाराष्ट्र के तट पर अलीबाग के निकट पहुंच गया है। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने लोगों के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें एक आपात किट तैयार रखना, खिड़कियों से दूर रहना आदि शामिल हैं। अक्षय कुमार ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो जारी करते हुए बीएमसी के दिशा-निर्देशों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘ चक्रवात ‘निसर्ग’ एहतियात। मुम्बई की बहुचर्चित बारिश आ गई है लेकिन इस बार बिन बुलाय मेहमान के साथ। ’’
चक्रवाती तूफान ‘निसर्ग’ बुधवार दोपहर महाराष्ट्र तट पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं के साथ पहुंचा। ऐसे में मुंबई और इसके पड़ोसी इलाके इसका सामना करने के लिये तैयार हैं। मुंबई 72 साल में पहली बार चक्रवात का सामना कर रहा है।
तूफान निसर्ग मुंबई से 75 किमी दक्षिण-पूर्व और पुणे के 65 किमी पश्चिम की दूरी पर है और अब यह कमजोर होता दिखाई दे रहा है। हवा की रफ्तार अभी 90 से 100 किमी प्रति घंटा है तथा इसकी तीव्रता शाम तक और कम हो जाएगी।
चक्रवात ‘निसर्ग’ के बुधवार को महाराष्ट्र तट से टकराने पर राकांपा प्रमुख शरद पवार ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से तूफान प्रभावित लोगों की मदद करने का आग्रह किया। पवार ने एक बयान में कहा कि चक्रवात से सार्वजनिक और निजी संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा है और राकांपा कार्यकर्ताओं से आग्रह है कि वे आपदा से प्रभावित लोगों की मदद करें। इस बीच, बारामती से राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने ट्विटर के माध्यम से आग्रह किया कि तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोग घरों के अंदर रहें और राज्य सरकार के निर्देशों का पालन करें।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि 120 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार वाली हवाओं के साथ बुधवार की दोपहर महाराष्ट्र के तट पर पहुंचा भीषण चक्रवात निसर्ग अब कमजोर पड़ने लगा है और शाम तक इसकी तीव्रता और घट जाएगी। मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्यंजय महापात्रा ने कहा कि चक्रवात ने दोपहर साढ़े बारह बजे अलीबाग में दस्तक देना शुरू किया और यह प्रक्रिया दोपहर ढाई बजे पूरी हो गई। उन्होंने कहा, ‘‘तूफान मुंबई से 75 किमी दक्षिण-पूर्व और पुणे के 65 किमी पश्चिम की दूरी पर है। यह कमजोर होने लगा है। हवा की रफ्तार अभी 90 से 100 किमी प्रति घंटा है तथा इसकी तीव्रता शाम तक और कम हो जाएगी।’’
चक्रवाती तूफान ‘निसर्ग’ के चलते बुधवार को गुजरात के दक्षिणी तट में, अभी तक किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। ‘निसर्ग’ पड़ोसी राज्य महराष्ट्र में दस्तक दे चुका है। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी। अधिकारी ने बताया कि प्राधिकारियों ने एहतियाती कदम के तौर पर अभी तक आठ जिलों में तट के पास रहने वाले 63,700 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। चक्रवाती तूफान दोपहर करीब साढ़े 12 बजे महाराष्ट्र के तटीय रायगढ़ जिले में अलीबाग के पास पहुंचा। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, महाराष्ट्र में मुंबई, ठाणे, रायगढ़ और पालघर में तूफान के चलते तेज हवाएं चलेंगी और भारी वर्षा होगी।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को राज्य प्रशासन को (बचाव एवं राहत) अभियान के लिए अपनी तैयारी बनाये रखने और ‘निसर्ग’ के मुम्बई और ठाणे से उत्तरी महाराष्ट्र की ओर बढ़ने के साथ ही तत्काल राहत कार्य सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि ठाकरे निसर्ग के प्रभाव के बारे में नवीनतम सूचनाएं प्राप्त करने के लिए पश्चिम तट के जिलों के जिलाधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं। मुम्बई, ठाणे, रायगढ़, पालघर, रत्नागिरि और सिधुदर्ग जिले इस भयंकर चक्रवाती तूफान से प्रभावित हुए हैं। यह तूफान रायगढ़ जिले में पहुंचा और उस दौरान 100-110 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 102 किलोमीटर प्रति घटें की रफ्तार से आंधी चल रही थी।
निसर्ग चक्रवात के मद्देनजर मुंबई में प्रसिद्ध बांद्रा-वर्ली समुद्रसेतु पर वाहनों की आवाजाही को बुधवार को निलंबित कर दिया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने ट्वीट किया, ‘‘चक्रवात निसर्ग के मद्देनजर बांद्रा-वर्ली समुद्रसेतु पर किसी भी वाहन की आवाजाही की अनुमति नहीं है।’’ ट्वीट में कहा गया कि मुंबई पुलिस चक्रवात के कारण किसी भी तरह की क्षति को रोकने के लिए हर सावधानी बरत रही है। मुंबई में चक्रवात 'निसर्ग' के मद्देनजर पहले ही अलर्ट जारी कर दिया गया है, जिसके दोपहर 12:30 बजे के करीब मुंबई से लगभग 95 किलोमीटर दूर अलीबाग तक पहुंचने की खबर मिली है।
रायगढ़ में चक्रवात को देखते हुए अलीबाग के शास्त्री नगर इलाके से लगभग 390 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल कर अलीबाग के अरुणकुमार वैद्य स्कूल में ठहराया गया है। रायगढ़ कलेक्टर निधि चौधरी ने बताया कि ज़िले में अब तक कुल 13,541 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लेकर जाया गया है। वहीं,इससे पहले सुबह साढ़े आठ बजे रत्नागिरी में 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। 55-65 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रही हवाएं कोंकण तट की ओर बढ़ रही हैं और ये इस दौरान तफ्तार बढ़ा रही हैं। आशंका है कि चक्रवात के दस्तक देने के वक्त 100 से 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।
चक्रवाती तूफान निसर्ग के कारण महाराष्ट्र में रत्नागिरि के तट के पास फंसे हुए एक पोत से बुधवार को कम से कम दस नाविकों को बचा कर निकाला गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि पोत को रत्नागिरी के मिरया बंदर क्षेत्र से देखा गया और उसे तट पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ज्वार भाटे और भारी बारिश के कारण पोत मिरकवाड़ा के तट के पास चला गया था जहां से नाविकों को सुरक्षित बचा लिया गया।
तूफान निसर्ग के चलते कई तटीय इलाकों को खाली कराया गया है। बीएमसी ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए इन लोगों को खाद्य सामाग्री दी है। बीएसमी ने 10,840 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है। इसके अलावा बीएमसी की अपील पर 30 हजार लोगों ने खुद से ही इलाका खाली कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए थे।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक जयंत सरकार का कहना है कि गुजरात में निसर्ग चक्रवाती तूफान के ज़्यादा प्रभाव की उम्मीद नहीं है। आज के दिन ही प्रमुख प्रभाव रहेगा, वो भी महाराष्ट्र और उससे सटे हुए दक्षिणी गुजरात के ज़िलों में प्रभाव रहेगा।
मुंबई के चीफ फायर अफसर प्रभात रहांदले: रात से ही समुद्र किनारे के कमजोर मकान में रहने वालों को शिफ्ट करने का काम शुरू हो गया था। हम हर तरह के हालात से निपटने के लिए तैयार हैं. अगर कोई हादसा होता है और केमिकल फैलने का खतरा होता है तो उसके लिए भी तैयारी की गई है। अभी तक 15 के करीब पेड़ गिरने के कॉल आ चुके हैं।
एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट ए.के. पाठक ने कहा कि हम निकासी की सही संख्या तो नहीं बता सकते हैं, लेकिन दमन में लगभग 3000 लोगों को निकाला गया है और कुछ ऑपरेशन अभी भी चल रहे हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को बताया कि ‘निसर्ग’ चक्रवात महाराष्ट्र के तट पर अलीबाग के निकट पहुंच गया है और इस ‘‘प्रक्रिया’’ के अपराह्न चार बजे तक पूरा हो जाने का अनुमान है। चक्रवात के पहुंचने की प्रक्रिया अपराह्न करीब साढ़े 12 बजे आरंभ हो गई थी। चक्रवात मुंबई से 95 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अलीबाग से करीब 40 किलोमीटर दूर है। आईएमडी ने एक बयान में कहा, ‘‘बादल का दाहिना हिस्सा महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्र, खासकर रायगढ़ जिले से होकर गुजर रहा है। यह आगामी तीन घंटे में मुंबई और ठाणे जिलों में पहुंचेगा।’’ उन्होंने बताया कि चक्रवात के कारण इस समय 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं।
मौसम विभाग के ताजा अपडेट के मुताबिक, फिलहाल तटों के आसपास तेज हवाएं चल रही हैं।
चक्रवात निसर्ग का केंद्र महाराष्ट्र तट के बहुत नजदीक है। लैंडफॉल प्रक्रिया शुरू हो गई है और ये अगले 3 घंटों में पूरी होगी। इसको ध्यान में रखते हुए मुंबई पुलिस ने बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है।
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार चक्रवात ‘निसर्ग’ के बुधवार दोपहर राज्य में पहुंचने के मद्देनजर तटीय इलाकों के लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। पवार ने कहा कि चक्रवात का प्रभाव कम होने तक लोग घरों से ना निकलें। पवार के हवाले से जारी बयान में कहा गया कि चक्रवात ‘निसर्ग’ के महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के अलीबाग पहुचंने के मद्देनजर मुम्बई, ठाणे, पालघर, रायगढ़ और सिंधुदुर्ग जिले के लोग सुरक्षित स्थानों पर ही रहें। पवार राज्य के वित्त मंत्री भी हैं। उन्होंने कहा कि चक्रवात से किसी की जान ना जाए यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है। उन्होंने जीवन रक्षक बल, दमकल विभाग और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) को तटीय इलाकों के विभिन्न हिस्सों में तैनात किया गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा था कि चक्रवाती तूफान के मद्देनजर एनडीआरएफ के 15 और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के चार दलों को तटीय जिलों के विभिन्न हिस्सों में तैनात किया गया है।
अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बनने से गोवा में बुधवार सुबह भारी बारिश होने के साथ ही तेज हवाएं भी चली, जिससे इस तटीय राज्य के कुछ निचले इलाकों बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने समुद्र में तेज लहरों के कारण मछुआरों को समुद्र से दूर रहने को कहा है। गोवा सरकार द्वारा नियुक्त एक जीवन रक्षा एजेंसी ‘दृष्टि’ ने लोगों से समुद्र में नहीं जाने की अपील की है और 105 किलोमीटर लंबी राज्य तटीय रेखा के पास अधिकांश स्थानों पर लाल झंडे लगाए हैं। मौसम विभाग ने मंगलवार शाम को कहा था कि अगले 24 घंटे में कर्नाटक-गोवा तटों पर और पूर्वी मध्य अरब सागर के पास 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की आशंका है....। इसके चलते राज्य के कई निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई।
चक्रवाती तूफान निसर्ग के मद्देनज़र CMO ने टिप्स दिये हैं। इस दौरान उन्होने लोगों को बताया है कि क्या करना है और क्या नहीं।
एनडीआरएफ के कमांडेंट अनूप श्रीवास्तव ने कहा कि महाराष्ट्र के विभिन्न स्थानों (समुद्री बेल्ट क्षेत्रों) से अब तक लगभग 40000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। एनडीआरएफ की टीम बीएमसी के साथ मिलकर वर्सोवा के पास के तटीय इलाकों से लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल रही है।
पहले मध्य रेलवे ने मुंबई से कुछ ट्रेनों के मार्गों को बदला है। बदलाव के बाद एलटीटी- गोरखपुर विषेष अब सुबह 11 बजकर 10 मिनट की बजाय रात आठ बजे रवाना होगी। एलटीटी- तिरुवनंतपुरम विशेष सुबह 11 बजकर 40 की बजाय शाम छह बजे और एलटीटी-दरभंगा विशेष दोपरह सवा 12 की बजाय रात साढ़े आठ बजे रवाना होगी। इसके अलावा एलटीटी-वाराणसी विशेष दोपहर 12 बजकर 40 मिनट की बजाय रात नौ बजे और सीएसएमटी-भुवनेश्वर विशेष दोपहर तीन बजकर पांच मिनट की बजाय रात आठ बजे छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से रवाना होगी। सीआर ने कहा कि बुधवार को सुबह साढ़े 11 बजे आने वाली पटना-एलटीटी विशेष और दोपहर सवा दो बजे आने वाली वाराणसी-सीएसएमटी विशेष के मार्ग को बदला जाएगा और वे समय से पहले यहां पहुंचेंगी। विज्ञप्ति में कहा गया है कि चार बजकर 40 मिनट पर आने वाली तिरुवनंतपुरम-एलटीटी विशेष का मार्ग पुणे से परिवर्तित किया जाएगा और वह लोकमान्य तिलक टर्मिनस (एलटीटी) पर समय से पहले पहुंचेगी।
पणजी में शहर के कुछ हिस्सों में तेज़ हवा के साथ झमाझम बारिश हो रही है। सुबह साढ़े आठ बजे रत्नागिरी में 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। 55-65 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रही हवाएं कोंकण तट की ओर बढ़ रही हैं और ये इस दौरान तफ्तार बढ़ा रही हैं। आशंका है कि चक्रवात के दस्तक देने के वक्त 100 से 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।