Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर में तैनात सीआरपीएफ के जवान ने पाकिस्तान की युवती से ऑनलाइन निकाह किया। वीजा नहीं मिलने की वजह से जवान और उसका पूरा परिवार पाकिस्तान नहीं जा सका था। इन दोनों का निकाह पिछले साल जुलाई के महीने में हुआ था। अब करीब 9 महीने के लंबे इंतजार के बाद मीनल 1 मार्च को अपनी ससुराल पहुंची है। लेकिन उसे केवल 15 दिन का ही परमिट मिला है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुनीर अहमद जम्मू के भलवाल तहसील के राब्ता हंडवाल गांव के रहने वाले हैं। इस समय वह रियासी जिले के शिव खोरी के रानसू में तैनात हैं। कुछ वक्त पहले मुनीर का रिश्ता पाकिस्तान के सियालकोट में कोटली फकीर चंद की रहने वाली मीनल खान से हुआ था। मीनल के पिता का नाम असगर खान है। शादी से पहले मुनीर ने वीजा के लिए अप्लाई किया था। लेकिन सरहद पर बढ़ती तल्खियों की वजह से वीजा मिलने में कुछ परेशानी आ गई।
दोनों ने किया ऑनलाइन निकाह
आखिरकार पिछले साल 24 मई को मुनीर व मीनल के परिवार ने दोनों का ऑनलाइन निकाह करवा दिया। करीब 9 महीने के इंतजार के बाद वह शुक्रवार की सुबह वाघा बॉर्डर पर पहुंची। बॉर्डर पर अपनी पत्नी को लेने मुनीर पहले से ही पहुंचे हुए थे। मीनल जैसे ही मुनीर के घर पर पहुंची तो परिवार ने उसका स्वागत किया। मुनीर के परिवार वालों ने बताया कि 1947 में भारत का बंटवारा हुआ था। इसी में मीनल के परिवारवाले पाकिस्तान चले गए थे। मुनीर के परिवार ने मीनल के भारत आने पर बताया कि बहू सभी के तरह के कानूनी अड़चनों को पार करने के बाद में ही भारत पहुंची है। सभी एजेंसियों की तरफ से भी परमिशन ले ली गई थी।
भारत की जीत पर लगाए थे ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे
अधिकारियों ने क्या बताया?
अधिकारियों ने रिपब्लिक को बताया कि नजीर अहमद के बेटे मुनीर अहमद वर्तमान में रियासी जिले के शिव खोरी में सीआरपीएफ में तैनात हैं और उन्होंने 24 मई, 2024 को ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मेनल खान से शादी की है। उन्होंने कहा, ‘मीनल पाकिस्तान के पंजाब के सियालकोट के गुजरांवाला के कोटली फकीर चंद निवासी मोहम्मद असगर खान की बेटी है। संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए हम उसकी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं।’ भारत की जीत पर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने वाले लड़के के चाचा का दावा