सीआरपीएफ एक नयी तैनाती नीति पर काम कर रहा है जिसके तहत नक्सलियों और आतंकवादियों से मुकाबला कर रहे उसके अधिकारी और जवान अपने परिवारों को अपने साथ रख सकेंगे और इस कदम से कठिन क्षेत्रों में तैनात अर्धसैनिक बल को तनाव दूर करने में मदद मिलेगी।

बल ने एक नयी ‘रोटेशन’ नीति के संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है जिससे वह अपनी बटालियनों को नक्सल विरोधी अभियानों वाले कठिन क्षेत्रों से नियमित कानून व्यवस्था ड्यूटी पर भेज सके और इससे बल में तनाव कम होने की उम्मीद है।

बल के महानिदेशक प्रकाश मिश्रा ने कहा, ‘यह तथ्य है कि 80 प्रतिशत से ज्यादा तैनाती सक्रिय अभियानों में होने से सीआरपीएफ को अन्य बलों की तुलना में आराम और आरोग्यलाभ कम मिल पाता है। उन्होंने कहा कि आदर्श रूप से 50 प्रतिशत जवानों का ‘रोटेशन’ कठिन क्षेत्रों से सुगम क्षेत्रों में होना चाहिए।

मिश्रा ने कहा कि सरकार को इस विषय की जानकारी है और हम उम्मीद करते हैं कि संघर्ष के कारण पैदा होने वाले तनाव को कुछ कम किया जा सकेगा और इसलिए हम एक बेहतर रोटेशन नीति बना सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘जवानों के लिए यह खासे प्रेरक के तौर पर काम करेगा क्योंकि उन्हें कुछ समय तक अपने परिवारों को साथ रखने का मौका मिलेगा। अभी, हमारे जवानों को अपने परिवारों को साथ रखने का शायद ही मौका मिलता है।’