केंद्रीय रिजर्व पुलिस पुलिस बल के सहायक कमांडेंट नरेश कुमार को कश्मीर घाटी में आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिये सातवीं बार वीरता पुरस्कार (PMG) से नवाजा गया है। नरेश कुमार ने महज 35 साल की उम्र में 7वीं बार पुलिस मेडल फॉर गैलेंट्री पुरस्कार पाकर इतिहास रच दिया है।

इस तरह वह सीआरपीएफ के बेहतरीन अधिकारियों में शुमार हो गए हैं। उन्हें 4 साल के भीतर ही 7 बार वीरता पुरस्कार से मिल चुका है। नरेश ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें अपना पहला वीरता पुरस्कार साल 2017 एक ऑपरेशन के लिए मिला, जो 2016 में श्रीनगर में किया गया था। इसमें दल ने दो विदेशी आतंकवादियों को मार गिराया था। इसी तरह, 2018 में, मुझे 2 वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। नरेश कुमार श्रीनगर में वैली सीआरपीएफ की क्विक एक्शन टीम (QAT) का नेतृत्व करते हैं।

टीम का वीरता पदक के साथ निरंतर सफलता का एक गौरवशाली इतिहास है जो इसकी वीरता को सुशोभित करता है। सीआपीएफ के अनुसार अकेले इस वर्ष, घाटी क्यूएटी को 15 से अधिक वीरता पदक से सम्मानित किया गया है।

सीआरपीएफ के प्रवक्ता ने बताया, ‘बल को मिले 55 पदकों में से 41 जम्मू कश्मीर में अभियानों के लिये दिया गया है, जबकि 14 पदक छत्तीसगढ़ में माओवादियों के खिलाफ अभियानों के लिये पदान किया गया है।’ सीमा सुरक्षा बल के कमांडेंट विनय प्रसाद को मरणोपरांत बहादुरी पदक दिया गया है। पाकिस्तान की ओर से बिना उकसावे के की गयी गोलीबारी में प्रसाद शहीद हो गए थे। हादसे के दौरान वह जम्मू कश्मीर के सांबा सेक्टर में गश्त पर थे।

वीरता के लिये पुलिस पदक की सूची में जम्मू कश्मीर शीर्ष स्थान पर है जिसके खाते में 81 पदक है और इसके बाद 55 पदकों के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल दूसरे स्थान पर है। इस बार किसी को भी राष्ट्रपति पु​लिस पदक नहीं मिला है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि इस बार राज्य एवं केंद्रीय पुलिस बलों को वीरता, विशिष्ट सेवा और मेधावी सेवाओं के लिये कुल 926 पदक दिये गये हैं।

उत्तर प्रदेश पुलिस को 23 वीरता पदक दिये गये हैं। इसके बाद दिल्ली पुलिस, महाराष्ट्र पुलिस और झारखंड पुलिस को क्रमश: 16, 14 और 12 पदक दिये गये हैं। हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के निदेशक और भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी अतुल करवाल को दूसरी बार वीरता पदक दिया गया है ।