उत्तर पूर्वी राज्य त्रिपुरा में एक गोरक्षक दल ने राज्य में गोतस्करी के मामले 80 प्रतिशत बढ़ने का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि इस दल ने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि 15 दिन में सरकार ने गोतस्करी को रोकने की दिशा में कदम नहीं उठाए तो फिर वह सरकार के खिलाफ चले जाएंगे। बता दें कि आरएसएस से संबद्ध होने का दावा करने वाले त्रिपुरा गो रक्षक दल सरकार को यह चेतावनी दी है।
गोरक्षक दल के कार्यकारी अध्यक्ष समर चक्रवर्ती का कहना है कि ‘बीते दिनों में गोतस्करी काफी ज्यादा बढ़ गई है। हमने इस संबंध में जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री को कई बार पत्र लिखा है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। त्रिपुरा में गोतस्करी तुरंत बंद होनी चाहिए। हमने सीएम को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है, लेकिन यदि सरकार इसे रोकने में नाकाम रहती है तो फिर हम सरकार के खिलाफ भी जा सकते हैं।’
चक्रबर्ती का कहना है कि ‘जब कोई गोतस्कर पकड़ा जाता है, तो वह भाजपा या किसी अन्य राजनैतिक पार्टी के साथ होने का दावा करता है। हमारा मानना है कि कोई भी तस्कर किसी भी पार्टी के साथ नहीं हो सकता।’ गोरक्षा वाहिनी दल के नेताओं का आरोप है कि पुलिस भी गोतस्करी में शामिल है और सीएम बिप्लब कुमार देब ने इस ओर से अपनी आंखे फेर रखी हैं।
गोरक्षा दल के नेताओं ने सीएम को निशाने पर लेते हुए कहा कि ‘आप सीएम हैं, कृप्या अपनी ड्यूटी करें। हमने आपको कई पत्र लिखे, लेकिन आपने इसका कोई जवाब नहीं दिया। हम गोतस्करों को पकड़कर पुलिस के हवाले करते हैं और बाद में पुलिस रिश्वत लेकर उन्हें छोड़ देती है।’
वहीं गोरक्षा वाहिनी दल के आरोपों पर भाजपा प्रवक्ता नाबेन्दू भट्टाचार्य का कहना है कि ‘हम आरएसएस से संबंधित इस नाम वाले किसी संगठन के बारे में नहीं जानते हैं। राज्य सरकार अपना काम कर रही है। हमारे पास गोतस्करी 80 प्रतिशत तक बढ़ने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। बीएसएफ बॉर्डर पर अपना काम कर रही है।’