कोरोना का प्रकोप भारत में अब भी थमा नहीं है। देश में कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर तैयारियां चरम पर हैं और इसका ड्राई रन भी किया जा रहा है। इस बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाने की बात कही है। उनके इस बयान का समर्थन करते हुए समाजवादी पार्टी के एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने कहा कि अगर अखिलेश जी ने ऐसा कहा है तो कुछ सोचकर ही कहा होगा।

आशुतोष सिन्हा ने न्यूज़ चैनल ‘टाइम्स नाऊ’ से बात करते हुए कहा “मुझे इस बात की जानकारी नहीं है लेकिन अखिलेश ने इस बात को कहा है तो इसमें कुछ गंभीरता होगी। क्योंकि ये जो सरकार है उत्तर प्रदेश और देश की यह भरोसे के लायक नहीं है। गोरखपुर में ऑक्सिजन की कमी से बच्चे मर गए थे। वहां योगी दो दिन पहले दौरा कर के आए थे। हमें सरकार पर विश्वास नहीं है। मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है कि अखिलेश ने क्या कहा लेकिन अगर ऐसा कुछ कहा है तो सही कहा होगा।”

सपा नेता ने कहा अगर अखिलेश नहीं लगवा रहे है तो मतलब वैक्सीन में कुछ तो होगा जिससे नुकसान हो रहा होगा। बाद में लोग ये न कह दे कि जनसंख्या कम करने के लिए वैक्सीन लगा दी। कुछ भी हो सकता है, यह आपको नपुंसक भी बना सकता है। अखिलेश ने कहा है तो सिर्फ सपा ही नहीं प्रदेश की जनता को भी वैक्सीन नहीं लगवाना चाहिए।

वहीं अखिलेश यादव के बयान पर प्रतिकृया देते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वे खुशी-खुशी कोरोना की वैक्सीन लगवाएंगे। उन्होंने कहा कि वैक्सीन किसी पार्टी की नहीं है।

वैक्सीन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने शनिवार को कहा कि टीकाकरण के पहले चरण में उन 3 करोड़ लोगों को मुफ्त वैक्सीन लगाई जाएगी, जो कोरोना संक्रमण के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर लड़ाई लड़ रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने लोगों से कोरोना वायरस के टीका के सुरक्षित होने और इसकी प्रभाव क्षमता के बारे में ‘‘अफवाहों’’ और भ्रामक सूचना अभियानों को लेकर गुमराह नहीं होने की शनिवार को अपील की। साथ ही उन्होंने कहा कि इसे मंजूरी देने से पहले किसी भी प्रोटोकॉल के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

हर्षवर्धन ने कहा कि टीकाकरण के प्रथम चरण में सर्वाधिक प्राथमिकता वाले लोगों को नि:शुल्क टीका उपलब्ध कराया जाएगा, जिनमें एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मी और अग्रिम मोर्चे के दो करोड़ कर्मी शामिल हैं। उन्होंने दिल्ली में उन दो स्थानों का दौरा किया जहां टीके का पूर्वाभ्यास चल रहा था। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर 27 करोड़ लोगों को जुलाई तक किस तरह से टीका लगाया जाएगा , इस बारे में ब्यौरे को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इन लाभार्थियों में 50 वर्ष से अधिक आयु के लोग और पहले से किसी बीमारी से ग्रसित इससे कम उम्र के लोग शामिल हैं।

मंत्री ने व्यापक स्तर पर टीकाकरण अभियान की देश की क्षमता पर संदेहों को खारिज कर दिया और बताया कि किस तरह से भारत में टीकाकरण अभियान और दुनिया के इस तरह के सबसे बड़े कार्यक्रम को चलाने की अद्भुत क्षमता है। यह बयान ऐसे दिन आया है जब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोविड-19 टीकाकरण को ‘‘भाजपा का टीका’’ करार दिया और कहा कि वह टीका नहीं लगवाएंगे।

यादव ने लखनऊ में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं टीका पर कैसे विश्वास कर सकता हूं, जिसका इस्तेमाल भाजपा द्वारा टीकाकरण के लिए होगा? हम भाजपा का टीका नहीं लगवाएंगे।’’ स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री हर्षवर्द्धन ने पहले शाहदरा में जीटीबी अस्पताल का दौरा किया और फिर दरियागंज में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गए।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी दृढ़ता और प्रतिबद्धता के कारण भारत को 2014 में पोलियो मुक्त घोषित किया गया। पोलियो टीकाकरण अभियान सहित पहले हुए टीकाकरण अभियान में हमारे समृद्ध अनुभव का इस्तेमाल देश भर में कोविड-19 टीकाकरण को मूर्त रूप देगा।’’ टीके के बुरे प्रभाव को लेकर सोशल मीडिया पर चल रहे विभिन्न पोस्ट को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं लोगों से अपील करता हूं कि कोविड-19 टीके की सुरक्षा और इसके प्रभाव को लेकर चल रही अफवाहों से गुमराह नहीं हों। टीके को मंजूरी देने से पहले हम किसी तरह के प्रोटोकॉल से समझौता नहीं करेंगे।’’