केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने रविवार को कहा कि भारत में उपलब्ध होने वाला Covid 19 का टीका पहले उन लोगों को दिया जाएगा जो वायरस को लेकर व्यावसायिक खतरों का सामना कर रहे हैं और जोखिम उठा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने संकेत दिया है कि पहली प्राथमिकता अग्रिम मोर्चे के स्वास्थ्य कर्मियों को दी जाएगी।

मंत्री ने कहा कि बहुप्रतीक्षित फेलूदा पेपर स्ट्रिप टेस्ट “अगले कुछ हफ्तों में” आने की संभावना है। इस टेस्ट में जेने एडिटिंग तकनीक का उपयोग किया गया है, जिसकी मदद से 30 मिनट से भी कम समय में वायरस का पता लग जाता है। यह नई दिल्ली स्थित सीएसआईआर-इंस्टिट्यूट ऑफ जिनोमिक्स एंड इंटेग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) द्वारा विकसित किया गया है।

हर्षवर्धन ने कहा, ‘अग्रिम मोर्चे के स्वास्थ्य कर्मियों की सूची में सरकारी और निजी क्षेत्र के चिकित्सक, नर्स, पैरामेडिकल कर्मी, स्वच्छता कर्मी, आशा कार्यकर्ता, निगरनी अधिकारी और संक्रमित मरीजों का पता लगाने, उनकी जांच करने तथा उनके उपचार से जुड़े अन्य कर्मी शामिल होंगे। सरकार बड़े पैमाने पर मानव संसाधन तैयार करने, प्रशिक्षण, निगरानी और अन्य चीजों के लिये भी काम कर रही है। जुलाई 2021 तक करीब 20-25 करोड़ लोगों के लिये 40-50 करोड़ (टीके की) खुराक प्राप्त करने और उनका उपयोग करने का अनुमान है।’

हर्षवर्धन ने आने वाले त्योहारों के लिए बड़ी सभाओं के खिलाफ चेतावनी दी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा “गर हमने अपने पर्व-त्योहारों के दौरान कोरोना वायरस से जुड़े आचार-व्यवहार का अनुसरण करने में कोताही बरती तो कोरोना एक बार फिर विकराल रूप ले सकता है और हम सबके लिए एक बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है।”

उन्होने कहा “कोई भी धर्म या ईश्वर यह नहीं कहता है कि आपको एक आडंबरपूर्ण तरीके से जश्न मनाना है, आपको प्रार्थना करने के लिए पंडालों, मंदिरों और मस्जिदों में जाने की जरूरत नहीं है। आपके विश्वास या अपने धर्म को साबित करने के लिए बड़ी संख्या में एकत्रित होने की आवश्यकता नहीं है। अगर हम ऐसा करते हैं, तो हम आपे लिए एक बड़ी परेशानी खड़ी कर लेंगे।”