पहले कोरोना काल के दौरान अस्पताल में बेड की कमी, ऑक्सीजन की किल्लत और दवाइयों के अभाव के कारण कई लोगों को मौत के गाल में असमय समाना पड़ा। वहीं अब कोरोना की वजह से अपना जीवन गंवाने वाले मृतकों की अस्थियों के विसर्जन के लिए भी प्रियजनों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। ऐसा सिर्फ दो राज्यों के आपसी विवाद के कारण हो रहा है। उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने के कारण राजस्थान के कई लोग अपने स्वजन की अस्थियां हरिद्वार में विसर्जन के लिए नहीं ले जा पा रहे हैं।

दरअसल राजस्थान सरकार ने कोरोना की वजह से अपना जीवन गंवाने वाले मृतकों के अस्थियों के विसर्जन के लिए मोक्ष कलश बस सेवा शुरु की। इस बस सेवा का मकसद उन गरीब परिवारों की मदद करना है जो अपने खर्चे पर अपने स्वजनों की अस्थियों को हरिद्वार में विसर्जित करने में असक्षम हैं।  इसलिए सरकार ने राज्य के कई श्मशान घाटों से हरिद्वार के लिए बसें चलाने का निर्णय लिया।

कहा जा रहा है कि हरिद्वार जाने के लिए इन बसों को उत्तराखंड सरकार की अनुमति मिल गई। लेकिन उत्तरप्रदेश सरकार ने इन बसों को अपनी सीमा में आने की अनुमति नहीं दी। राजस्थान के परिवहन विभाग ने इसके लिए उत्तरप्रदेश के परिवहन विभाग को पत्र भी लिखा लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। जिसकी वजह से जयपुर समेत राजस्थान के कई जिलों के श्मशान घाटों में अस्थियों की कतारें लग गई है।

आजतक की रिपोर्ट के अनुसार इस पूरे मामले पर राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक तरफ तो आप राममंदिर और राम की बात करते हैं। लेकिन जो राम को मानने वाले लोग हैं वो हरिद्वार में अस्थियां विसर्जन करने जाना चाहते हैं। तो क्या आप उन रामभक्तों को अनुमति नहीं देंगे। हालांकि इस मामले में राजस्थान सरकार ने केंद्र से हस्तक्षेप करने की मांग की है ताकि अस्थियों का विसर्जन किया जा सके।

पिछले 24 घंटे में में देशभर से कोरोना के 38,949 नए मामले सामने आए। नए मामलों के सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,10,26,829 हो गई। वहीं कोरोना की वजह से पिछले 24 घंटे में 542 लोगों की मौत होने के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,12,531 हो गई।  देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 4,30,422 है।