देश में कोरोना वायरस का संक्रमण अब भी तेजी से फैल रहा है। रोजाना लाखों लोग इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं। इसी बीच ब्लैक फंगस का प्रकोप भी तेजी से फैल रहा है। लोग इस बीमारी की दवाओं और इंजेक्शन की कमी के चलते मर रहे हैं। इसको लेकर वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने अपने शो ‘प्राइम टाइम विथ रवीश’ में चर्चा की और इसका वीडियो सोशल मीडिया में शेयर किया है।
रवीश ने फेसबुक पर पोस्ट लिखते हुए मोदी सरकार पर तंज़ कसा है। वरिष्ठ पत्रकार ने लिखा “ब्लैक फ़ंगस, सरकार ने कोर्ट में कहा है कि लोग दवा की कमी से नहीं मर रहे हैं। इस बीमारी में मृत्यु दर ही ज़्यादा है ।इसका मतलब ही यह हुआ कि जो लोग इंजेक्शन के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं, लोगों से अपील कर रहे हैं, वो झूठ बोल रहे हैं। इंजेक्शन होने के बाद भी लोगों से मदद माँग रहे हैं।”
इस वीडियो में रवीश कह रहे हैं कि “ब्लैक फंगस की बीमारी के मामले न सिर्फ बढ़ते जा रहे हैं बल्कि इसके इंजेक्शन को हासिल करना भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। लेकिन अधिकृत रूप से आपको नहीं बताया जाता है कि भारत में ब्लैक फंगस के कितने मरीज़ हैं।”
रवीश ने कहा “सरकार ने इसे महामारी के रूप में नोटिफाई किया है। मतलब किसी प्राइवेट डॉक्टर के पास भी ब्लैक फंगस का मरीज़ आएगा तो उसे सरकार को बताना होगा। जब यह महामारी है तब केंद्र सरकार हर दिन क्यों नहीं बताती है कि ब्लैक फंगस के मरीज़ों की संख्या कितनी है। सरकार के पास संख्या है लेकिन आपको नहीं बता रही है।”
रवीश ने कहा “महाराष्ट्र में आठ दिनों के भीतर ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या डबल हो गई है। राज्य में 6000 मरीज हैं और अबतक 503 लोगों की मौत हो चुकी है। शुरुआती मामले आने के बाद सरकार को हरकत में आना चाहिए थे लेकिन वह अबतक सो रही है।”
रवीश ने कहा “सरकार की हालत यह थी कि 24 मई को मंत्रियों की बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि भारत में ब्लैक फंगस के 5424 मरीज हैं। उससे दो दिन पहले रसायन मंत्री सदानंद गौड़ा ने ट्वीट कर कहा कि भारत में ब्लैक फंगस के 8848 मरीज हैं। दो दिन में 3424 का फर्क आ गया।”
पत्रकार ने कहा “हर्षवर्धन के बयान के बाद अगले दिन सदानंद गौड़ा फिर ट्वीट कर बताते हैं कि भारत में ब्लैक फंगस के कुल मामले 11717 हो चुके हैं। इसको संख्या को लेकर सरकार के पास ही जानकारी नहीं है। या वह बताना नहीं चाहती।”
रवीश के इस पोस्ट पर कुछ यूजर्स ने कॉमेंट भी किया है। नरेश नाम के एक यूजर ने लिखा “सरकार नशे में चूर है। इसे अभी 2021के असेंबली चुनाव का नशा उतरा नहीं है और 2022 के असेंबली चुनाव का सुरूर चढ़ता जा रहा है। कभी विपक्षी मुख्य मंत्री कभी न्यायालय केंद्र सरकार को टोका टाकी करते हैं, उसकी इनको हो सकता है कुछ चिंता हो अन्यथा इन्होंने करोना पर विजय प्राप्त कर ली है। मौतों का आंकड़ा छिपाने में माहिर हैं, आगे भी लीपा पोती कर लेंगे।”
सुधीर गुप्ता ने लिखा “अमित शाह जी का कहना है कि मोदी जी के नेतृत्व में हमने कोरोना की दूसरी लहर पर बहुत कम समय में नियंत्रण पा लिया, अब नियंत्रण पा लिया सो पा लिया अब टीकाकरण में देर हो तो क्या फर्क पड़ता है “सब नियंत्रण में है।”
राज किशोर ने लिखा “इतना इंजेक्शन भरा पड़ा है कि लोगों को सड़कों पर चलते चलते,खेतों में काम करते, जबरदस्ती इंजेक्शन लगाया जा रहा अब ये लोग ही झूठ बोल रहे है तो बेचारी सरकार क्या करे। घर घर मे इंजेक्शन लगा दिया गया जा जा कर, इतना बदनाम करती है जनता तभी तो हमारे मोदी जी के घड़ियाली आंसू आ जाते है।”