भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इस खतरनाक वायरस के चलते रोजाना हजारों लोग अपनी जान गवां रहे हैं। इससे बचने के लिए वैक्सीनेशन ही एकमात्र रास्ता है, लेकिन देश के कई राज्यों में वैक्सीन की कमी देखने को मिल रही है, जिसके चलते 18+ लोगों के लिए वैक्सीनेशन बंद कर दिया गया है। लेकिन इन सब के बीच केंद्र सरकार का दावा है कि देश में टीकाकरण तेजी से हो रहा है।
‘एनडीटीवी’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने अंतरराष्ट्रीय बाजार से बड़े पैमाने पर कोविड वैक्सीन खरीदने की दौड़ में देरी की है। मोदी सरकार ने वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के लिए कोई भुगतान नहीं किया और ना ही वैक्सीन के ऑर्डर पाने के लिए कोई अग्रिम भुगतान किया था। रिपोर्ट में शीर्ष वायरोलॉजिस्ट डॉ. गगनदीप कांग ने बताया बाकी दुनिया पिछले एक साल से जोखिम लेकर वैक्सीन खरीदने में जुटी हुई थी, लेकिन हमारी सरकार ने कुछ नहीं किया।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा मेडिकल ऑक्सीजन पर गठित समिति की सदस्य कांग ने कहा कि अब भारत के पास ज्यादा ऑप्शन नहीं हैं। कांग ने कहा भारत जाइडस कैडिला, बायोलॉजिकल ई जैसी कंपनियों के पास जा सकते हैं, जिनकी वैक्सीन साल के अंत तक आने वाली है। वह उनसे कह सकते हैं कि अपने उत्पादन में तेजी लाओ, अधिकतम वैक्सीन पैदा करो, अगर आपके ट्रायल सफल रहे तो हम सारी खरीद लेंगे।
बता दें वैक्सीन की आपूर्ति के लिए कई राज्यों ने ग्लोबल टेंडर जारी किए हैं। कोरोना की तीसरी लहर से बचाने के लिए महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों ने ये कदम उठाया है। वहीं दिल्ली सरकार ने वैक्सीन का स्टॉक खत्म होने की वजह से 18-44 साल के लोगों के लिए आज से कोरोना वैक्सीनेशन बंद हो गया है।
दिल्ली के सीएम ने केंद्र सरकार से कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने की मांग की है। केजरीवाल ने कहा कि कोरोना के खिलाफ वैक्सीन ही सबसे बड़ा हथियार है। उन्होंने कहा कि हमारी केंद्र सरकार से अपील है कि दिल्ली को वैक्सीन उपलब्ध कराएं। युवाओ का वैक्सीनेशन बंद हो गया है।