दिल्ली गैंगरेप मामला: दोषियों की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित किया फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली गैंगरेप (16 दिसंबर 2012) और मर्डर मामले में चारों दोषियों की ओर से दायर की गई अपील पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने एक हफ्ते के भीतर अपना लिखित पत्र जारी करने को कहा था। अदालत की कार्यवाही के दौरान वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने पीठ को बताया कि तीनों दोषियों ने पीड़िता के साथ नृशंस व्यवहार किया था और इन्हें मौत की सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने पीठ को ये भी बताया कि दोषियों की ओर से किए गए अपराध में मौत की सजा होनी चाहिए। बता दें कि इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन दोषियों की तरफ से सजा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
खुद को जयललिता का बेटा बताने वाले शख्श को गिरफ्तार करें: मद्रास हाई कोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने उस शख्स को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है, जो खुद को तमिलनाडू की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता का बेटा होने का दावा करता था। कोर्ट ने यह निर्देश देते हुए कहा है कि उस शख्स ने ना सिर्फ कोर्ट को धोखा दिया है बल्कि फर्जी दस्तावेज भी बनाए हैं। जस्टिस आर महादेवन ने यह निर्देश सेंट्रल क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर ऑफ पुलिस की ओर से पेश की गई रिपोर्ट के बाद दिए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार याचिकाकर्ता जे कृष्णामूर्ति, वसंतमणि का बेटा है, ना कि स्वर्गीय जयललिता का। साथ ही ये भी कहा गया है कि इस मामले में पुराने स्टाम्प पेपर स्टाम्प के व्यापारी से खरीदे गए थे जबकि दस्तावेज फर्जी थे। इससे पहले 17 मार्च को कोर्ट ने उसकी ओर से पेश किए गए दस्तावेजों पर सवाल उठाया था।
सभी योजनाओं के लिए अनिवार्य नहीं किया जा सकता आधार कार्ड: SC
सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड को लेकर एक फैसला जारी करते हुए कहा कि सभी योजनाओं में आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं किया जा सकता, हालांकि आयकर या किसी गैर-लाभांवित योजनाओं में सरकार आधार कार्ज मांग सकती है। आधार कार्ड की अनिवार्यता से जुड़े मामले में देश के प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर ने कहा कि फिलहाल इस मामले की सुनवाई नहीं की जाएगी और सुनवाई सामान्य तरीके से आने पर ही होगी। कोर्ट ने याद दिलाया कि आधार कार्ड के संबंध में संविधान पीठ पहले ही आदेश जारी कर चुकी है कि अगर बैनिफिशियल योजना का मामला है, तो आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं किया जा सकता।
ईवीएम छेड़छाड़ मामला: आठ हफ्तों बाद सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में ईवीएम छेड़छाड़ी के आरोपों को लेकर दायर की गई याचिका की दो महीने बाद सुनवाई करेगा। हालांकि कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करने के लिए कोई तारीख मुकर्रर नहीं की है। इससे पहले जगदीश सिंह खेहर, जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया था और इस पर जवाब मांगा है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई जांच करवाने की मांग को लेकर कोई भी फैसला देने से मना कर दिया है।