पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल की पुलिस हिरासत यहां की एक अदालत ने दो दिन और बढ़ाकर तीन नवंबर तक कर दी है। हार्दिक पर राजद्रोह और सरकार के खिलाफ जंग छेड़ने का आरोप है। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सीजी मेहता ने नगर पुलिस की अपराध शाखा के आवेदन पर यह आदेश दिया। अपराध शाखा ने हार्दिक को सात दिन के लिए और रिमांड की देने की मांग की थी। हार्दिक को अपराध शाखा ने अदालत के समक्ष तब पेश किया जब उसकी रिमांड की अवधि रविवार को खत्म हो गई। पुलिस ने विभिन्न आधार पर और रिमांड की मांग की। अपराध शाखा का प्रतिनिधित्व कर रहे लोक अभियोजक वनराजसिंह जेबालिया ने रिमांड आवेदन में कहा कि पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) के संयोजक हार्दिक जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
जेबालिया ने अदालत से कहा कि जांच एजंसी ने पाया कि यहां जीएमडीसी मैदान पर 25 अगस्त को विशाल रैली करने के बाद पीएएएस सदस्यों ने समूचे राज्य में मोबाइल मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर कम से कम 452 अलग-अलग समूह बनाए। जांच एजंसी ने दलील दी कि ‘भड़काऊ संदेश’ फैलाने में उनकी भूमिका को जानने के लिए इन समूहों के सभी एडमिनिस्ट्रेटरों का पता लगाने की जरूरत है। अपराध शाखा ने कहा कि इन एडमिनिस्ट्रेटरों के जिरह के लिए हार्दिक की हिरासत की जरूरत है, जिन्हें रैली के बाद समूचे राज्य में अशांति फैलाने के लिए उनसे निर्देश मिला होगा। अपराध शाखा ने कहा कि अपना आंदोलन चलाने के लिए पीएएएस को देश और विदेश से मिले धन का ब्योरा जानने की जरूरत है।
अपराध शाखा ने 21 अक्तूबर को हार्दिक और पांच अन्य के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था। उनपर भारतीय दंड संहिता की धारा 121 (सरकार के खिलाफ जंग छेड़ने), धारा 124 (राजद्रोह), धारा 153-ए (अलग-अलग समुदायों के बीच शत्रुता को प्रोत्साहन देने) और 153 बी के तहत मामला दर्ज किया था।
इस बीच, जांच एजंसी ने हार्दिक के तीन करीबी सहायकों चिराग पटेल, केतन पटेल और दिनेश पटेल को भी अदालत में पेश किया क्योंकि उनकी रिमांड अवधि समाप्त हो रही थी। बाद में उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया क्योंकि अपराध शाखा ने आगे उनके रिमांड की मांग नहीं की। बाद में चिराग और केतन को नगर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने गिरफ्तार कर लिया, जो 25 अगस्त को जीएमडीसी मैदान पर हुई विशाल रैली के बाद हुई हिंसा के सिलसिले में दर्ज दो अलग-अलग मामलों में उनकी संलिप्तता की जांच कर रहा है। उन्हें एसओजी ने ट्रांसफर वारंट के आधार पर गिरफ्तार किया जिसे रविवार को अदालत ने मंजूरी दी।
इस बीच, महेसाणा पुलिस भी अदालत में दिनेश पटेल की हिरासत लेने के लिए रविवार को पहुंची। पुलिस महेसाणा के बहुचारजी और मोढेरा थानों में उसके खिलाफ दर्ज दो प्राथमिकियों के संबंध में हिरासत में लेने पहुंची थी। दिनेश के खिलाफ इन शहरों में पुलिस की अनुमति के बिना जनसभा करने के लिए आइपीसी की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
मोढेरा के उपनिरीक्षक बीएन पटेल ने कहा, ‘चूंकि अदालत ने आज दिनेश को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। हमने उसके खिलाफ ट्रांसफर वारंट ले लिया है और उसे जेल अधिकारियों को सौंप दिया है। हम कल उसकी हिरासत हासिल कर सकते हैं।’
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