दुनिया भर में कोरोना महामारी का प्रभाव बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच चीन की चालबाजी का एक नमूना दुनिया के सामने आया है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने स्पेक्टेटर मैगजीन की रिपोर्ट के हवाले से खबर दी है कि चीन में जब कोरोना का प्रभाव अपने चरम पर था उस वक्त इटली ने चीन को पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) को दान में दिए थे।

अब जब इटली इस महामारी से भीषण रूप से जूझ रहा है और उसे पीपीई की जरूरत है तो ऐसी स्थिति में चीन चाहता है कि इटली उससे वह पीपीई खरीद ले। चीन ने दुनिया के सामने अपनी मानवीय छवि पेश करने के लिए दर्शाया था की वह इटली को पीपीई दान करेगा।

लेकिन बाद में कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह खुलासा हुआ कि यह मानवीय रूप से की गई मदद नहीं थी बल्कि चीन ने वास्तव में इसे इटली को बेचा था।स्पेकटेटर मैगजीन ने ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से खबर दी जिसमें कहा गया कि चीन ने इटली को उन पीपीई को खरीदने पर मजबूर किया जो उसने चीन में महामारी फैलने के दौरान दान किए थे।

अधिकारी ने बताया कि  कोरोना वायरस के यूरोप में दस्तक देने से पहले इटली ने चीन की मदद के लिए कई टन पीपीई भेजे थे जिससे की चीन अपने लोगों को इस महामारी के प्रभाव से बचा सके। मालूम हो कि इटली में कोरोना वायरस से 14000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

मालूम हो कि चीन में कोरोना वायरस से 3,329 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि यहां शनिवार तक कुल 81,669 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई। इनमें इलाज करा रहे 1,376 लोग और स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छोड़े गए 76,964 अन्य लोग शामिल हैं।

चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने अपनी नियमित रिपोर्ट में बताया कि शनिवार को चीनी भूभाग पर कोविड-19 के 30 नये मामलों के अलावा, 47 ऐसे मामले भी सामने आए जिनमें लक्षण नजर नहीं आ रहे थे।