दिल्ली पुलिस ने निजामुद्दीन पश्चिम में इस महीने की शुरुआत में बड़ी धार्मिक सभा की अगुवाई करने वाले मौलाना के खिलाफ कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कोई जनसभा आयोजित नहीं करने और सामाजिक दूरी बनाए रखने संबंधी सरकारी आदेशों के उल्लंघन को लेकर मामला दर्ज किया है। इंडोनेशिया और मलेशिया समेत अनेक देशों के 2,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने एक से 15 मार्च तक हजरत निजामुद्दीन में तबलीगी जमात में भाग लिया था।
रविवार रात को मरकज में रह रहे कई लोगों में कोविड-19 के लक्षण नजर आने लगे थे और अर्द्धसैन्य अधिकारियों ने पूरे इलाके को सील कर दिया था लेकिन प्राधिकारियों को इस आयोजन के कारण वायरस के फैलने की आशंका है। तेलंगाना सरकार ने सोमवार देर रात बताया कि इस सभा में भाग लेने वाले छह लोगों की संक्रमण के कारण मौत हो गई।
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को बताया कि जमात में भाग लेने वाले 24 लोग संक्रमित पाए गए हैं और मरकज में रह रहे 440 से अधिक लोगों में बीमारी के लक्षण दिखने के बाद उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि निजामुद्दीन मरकज के मौलाना साद के खिलाफ सरकारी आदेश का उल्लंघन करने के मामले में महामारी रोग कानून और भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जमात के मुख्यालय मरकज निज़ामुद्दीन ने कहा है कि उसने कानून के किसी प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया है। उसने अपने परिसर में पृथक केंद्र स्थापित करने की भी पेशकश की है। उसने कहा, ‘‘जब जनता कर्फ्यू का ऐलान हुआ, तो बहुत सारे लोग मरकज में रह रहे थे। 22 मार्च को प्रधानमंत्री ने जनता कर्फ्यू का ऐलान किया तो उसी दिन मरकज बंद कर दिया गया। बाहर से किसी भी आदमी को नहीं आने दिया गया।”
बता दें कि मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 1397 हो गई है जबकि इसके चलते अबतक 35 लोगों की मौत हो चुकी है।
(भाषा इनपुट्स के साथ)

