क्या बच्चों की वजह से कोरोना वायरस तेजी से फैल सकता है? कुछ समय पहले तक, यह व्यापक रूप से माना जाता था कि वे वायरस के अधिक नहीं फैला सकते हैं।

हालांकि, हाल की स्टडीज में यह सामने आया है कि व्यस्कों की तुलना में बच्चे नोवल कोरोनावायरस को अधिक फैला सकते हैं। चार स्टडीज में से तीन में बच्चे को कोरोना वायरस के अधिक फैलाने की बात कही गई है जबकि एक में राय इसके विपरीत है। 1.अमेरिका में जेएएमए पीडिएट्रक्स में पिछले सप्ताह प्रकाशित एक स्टडीज में कोरोना के 145 हल्के लक्षणों वाले केस का अध्ययन किया गया। यह लक्षण पहले सप्ताह के दौरान थे । इसमें नाक में वायरस के जेनेटिक मैटिरियल का आकलन किया गया।

स्टडी में तीन आयु समूहों- 5 साल से कम, 5-17 साल और व्यस्कों को शामिल किया गया। अन्य दो समूहों की तुलना में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में वायरस का स्तर बहुत अधिक था। शिकागो के एन एंड रॉबर्ट एच लुरी चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल ने एक बयान में कहा। यह निष्कर्ष इस संभावना की ओर इशारा करता है कि सबसे कम उम्र के बच्चे अन्य आयु वर्ग की तुलना में वायरस को अधिक फैलाते हैं। जबकि यह स्टडी वायरल लोड के आधार पर थी, आगे की दो संपर्क ट्रेसिंग पर आधारित हैं।

2 .इसके अलावा पिछले हफ्ते, एक इटैलियन स्टडी ने सुझाव दिया था कि हालांकि बच्चों के संपर्क के जरिये पॉजिटिव मामले कम थे लेकिन बच्चों द्वारा घर के सदस्यों को संक्रमित करने की अधिक संभावना थी। यह मार्च-अप्रैल में इटली के ट्रेंटो प्रांत में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग पर आधारित था।

इसमें कोरोना संक्रमण के 2,812 केस का अध्ययन किया गया। रिसर्चर्स ने 6,690 कम्युनिटी कॉन्टेक्ट को ट्रेस किया। इनमें से 890 (13%) में कोरोना के लक्षण पाए गए। एक विश्लेषण में पाया गया कि कॉन्टेक्ट के जरिये संक्रमण का सबसे अधिक 14 मामले 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों के थे। इन 14 में 8 मामले (1-11 वर्ष) के जरिये 11 अन्य लोग संक्रमित हुए।

3.दक्षिण कोरिया की यह स्टडी कोरोना के 5,706 मामलों के 59,073 संपर्क में आने वाले लोगों पर आधारित थी। 10,592 घरेलू संपर्कों में से, 11.8% में कोविड-19 संक्रमण था। दक्षिण कोरिया के सेंटर फॉर डिसऑर्डर कंट्रोल द्वारा अपलोड किए गए स्टडी के अनुसार, 48,481 गैर-घरेलू संपर्कों में 1.9% में कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए गए।

10-19 वर्ष की आयु के इंडेक्स मरीज वाले घरों में, यह पाया गया कि कॉन्टेक्ट में आने वाले 18.6% संक्रमित हो गए, जबकि सभी आयु समूहों में संक्रमण 11.8% था। वास्तव में, बड़े बच्चे और किशोर वायरस को अधिक फैला सकते हैं।

4.अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स की पत्रिका पीडियाट्रिक्स ने अपने अगस्त अंक में स्विट्जरलैंड से एक अध्ययन प्रकाशित किया। इसका शीर्षक था कोविड-19 ट्रांसमिशन और चिल्ड्रनः द चाइल्ड इज नॉट टू ब्लेम। इसमें भी वहीं बात कही गई जो पहले चीन की स्टडी में कही गई थी। चीन की स्टडी ने कोरोना वायरस के प्रसार के लिए बच्चों को कारक नहीं बताया था।