कोरोना वायरस का आतंक पूरी दुनिया में इस कदर फैल चुका है कि अब इसे लेकर लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सरकार ने सख्त रुख अपना लिया है। बीते दिनों उत्तर प्रदेश के आगरा में अपनी बेटी के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की जानकारी छिपाने के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। अब केरल सरकार भी यूपी सरकार की राह पर चल पड़ी है।

दरअसल केरल सरकार ने कोरोना वायरस को लेकर लापरवाही बरतने के आरोप में 79 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। केरल के कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रिएल्टी शो के एक कंटेस्टेंट का स्वागत करने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़ पड़े जबकि केरल सरकार ने वायरस को फैलने से रोकने के लिए लोगों के इकट्ठा होने पर बैन लगाया हुआ है।

ऐसे में नियम का उल्लंघन करने के चलते केरल पुलिस ने 4 ज्ञात और 75 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। वहीं ओडिशा में सोमवार को कोरोना वायरस के पहले मामले की पुष्टि की गई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हाल ही में इटली से लौटा एक शोधकर्ता कोरोना वायरस की जांच में वायरस से संक्रमित पाया गया है। उन्होंने बताया कि 33 वर्षीय व्यक्ति का यहां कैपिटल हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।

कोरोना वायरस मामलों पर राज्य सरकार के प्रमुख प्रवक्ता सुब्रतो बागची ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘उसकी हालत स्थिर है और उसमें किसी अन्य तरह की परेशानी नहीं दिख रही है।’’ यह मरीज छह मार्च को इटली से दिल्ली लौटा था और 12 मार्च को ट्रेन से भुवनेश्वर पहुंचा था। जहां जांच के बाद उसमें वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई।

राज्यसभा सत्र स्थगित करने की उठी मांगः राज्यसभा में अन्नाद्रमुक सदस्य एस आर बालासुब्रमण्यम ने कोरोना वायरस के कारण स्कूल-कालेजों के बंद होने और विभिन्न आयोजनों के टलने या स्थगित होने का जिक्र किया। उन्होंने इसी क्रम में सुझाव दिया कि संसद के मौजूदा सत्र को भी जल्दी स्थगित कर दिया जाना चाहिए।

माकपा सदस्य इलामारम करीम ने शून्यकाल में कोरोना वायरस का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि स्थिति को देखते हुए बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी यात्राएं स्थगित कर दी हैं और टिकट रद्द कराए हैं। करीम ने सरकार से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया और कहा कि स्थिति को देखते हुए विमानन कंपनियों और रेलवे को टिकट निरस्तीकरण शुल्क नहीं लेने का निर्देश दिया जाना चाहिए।