योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजिल ने कोरोना वायरस का इलाज तलाश निकालने के अपने दावे से यू टर्न ले लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पतंजलि ने उत्तराखंड के आयुष विभाग की ओर से जारी नोटिस के जवाब में कहा है कि उसकी ओर से कोरोना खत्म करने की कोई दवा नहीं बनाई गई है। कोरोनिल पर लगी कोरोना वायरस की फोटो को लेकर भी कंपनी की तरफ से सफाई पेश की गई है।

उत्तराखंड आयुर्वेद विभाग के लाइसेंस ऑफिसर वाईस रावत का कहना है कि हमारे तरफ से दिए गए नोटिस में पतंजलि ने जवाब दिया है। कंपनी का कहना है कि पतंजलि ने कोरोना किट की पैकिंग नहीं की है। कोरोनिल पर कोरोना वायरस की प्रतीकात्मक फोटो लगाया गया है। रावत ने बताया कि कोरोनिल और अन्य दो दवाइयों को टेस्टिंग के लिए भेजा गया है। पतंजलि की सफाई पर सोशल मीडिया पर लोग ट्रोल कर रहे हैं।


@Hash_Meee ने तंज कसते हुए लिखा है, यह आपदा के लिए राष्ट्रीय दवा है। @Simply_Krishna ने कोरोनिल किट की तस्वीर शेयर करते हुए पूछा है कि यह क्या है फिर?  @KnowledgeTrekk1 ने ट्विटर पर लिखा है, वो बना रहे हैं और हम बन रहे हैं।

गौरतलब है कि 24 जून को उत्तराखंड आयुष विभाग ने पतंजलि को नोटिस जारी किया था और इस संबंध में 7 दिनों के भीतर जवाब मांगा था। उत्तराखंड के आयुष विभाग के लाइसेंस अधिकारी ने खुद सामने आते हुए कहा था कि उनकी ओर से पतंजलि को इम्युनिटी बूस्टर तैयार करने का लाइसेंस दिया गया था। उनका कहना था कि पतंजलि ने अपने लाइसेंस में दवा तैयार करने की बात ही नहीं कही थी।