Sharmik Special Trains: श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के आवागमन को लेकर लग रहे आरोपों को भारतीय रेलवे ने खारिज किया है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने शुक्रवार को कहा कि महज 4ट्रेनों को ही गंतव्य तक पहुंचने में 72 घंटे से अधिक समय लगा है। अबतक  3,800 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों  चली हैं।

उन्होंने कहा कि  90 प्रतिशत ट्रेनें मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की औसत स्पीड से तेजी से चल रही हैं। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि सूरत से चली एक ट्रेन को सिवान पहुंचने में 9 दिन लगे। यह झूठी खबर है। ऐसा कुछ नहीं हुआ। ट्रेन दो दिन में ही गंतव्य तक पहुंच गई थी।

बता दें कि  रेलवे द्वारा एक मई से चलायी गयी 3,736 ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों से 50 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों ने यात्रा की है। आधिकारिक आंकड़ों में इस बारे में बताया गया है। इनमें से 3157 ट्रेनें अपने गंतव्य तक पहुंच चुकी है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा गुजरात (979), महाराष्ट्र (695), पंजाब (397), उत्तरप्रदेश (263) और बिहार (263) से ट्रेनें चली । ये ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनें देश के विभिन्न हिस्सों में प्रवासियों को लेकर पहुंची।

सबसे ज्यादा उत्तरप्रदेश (1520), बिहार (1296), झारखंड (167), मध्यप्रदेश (121), ओडिशा (139) में ट्रेनें पहुंची । रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मुझे यह बताते हुए बहुत प्रसन्नता है कि कोरोना वायरस आपदा में रेलवे की श्रमिक स्पेशल ट्रेनों ने अभी तक 50 लाख से अधिक कामगारों को सुविधाजनक व सुरक्षित तरीके से उनके गृह राज्य पहुंचाया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसके साथ ही रेलवे अब तक 84 लाख से अधिक निशुल्क भोजन व 1.24 करोड़ पानी की बोतल भी वितरित कर चुकी है।’’आंकड़ों के मुताबिक, रेलवे ने एक मई से इन ट्रेनों में यात्रा करने वाले प्रवासी श्रमिकों में खाने के 85 लाख निशुल्क पैकेट और निशुल्क करीब 1.25 करोड़ पानी की बोतलें मुहैया कराया है। आंकड़ों के मुताबिक, ‘‘इसमें रेलवे के उपक्रम आईआरसीटीसी द्वारा तैयार भोजन और मंडल रेलवे द्वारा बांटे गए भोजन शामिल हैं ।

(भाषा इनपुट्स के साथ)