पीएम केयर फंड से खरीदे गए वेंटिलेटर्स को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के सवाल पर AgVa के मालिक ने जवाब दिया है। AgVa के मालिक, प्रोफेसर दिवाकर वैश ने जवाब देते हुए कहा कि राहुल गांधी डॉक्टर नहीं हैं लेकिन मैं उन्हें डेमो देना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि वेंटिलेटर बनाने वाली विदेशी कंपनियां भारतीय कंपनियों को आगे नहीं बढ़ने देना चाहती हैं इसलिए हमारी कंपनी को बदनाम करने के लिए यह किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हमनें रातों रात वेंटिलेटर नहीं बनाया है। हम इस मार्केट में तीन साल से हैं। हमने स्टेप बाय स्टेप यह बनाया है। यह सभी मानकों पर खरा उतरता है। हमारे वेंटिलेटर्स अन्य वेंटिलेटर्स के मुकाबले पांच से दस गुणा सस्ते हैं। एक नॉर्मल वेंटिलेटर दस से बीस लाख रुपए का आता है जबकि हमारे वेंटिलेटर्स महज 1.5 लाख के हैं। राहुल गांधी के आरोपों पर उन्होंने कहा कि, राहुल गांधी डॉक्टर नहीं हैं। वह एक समझदार शख्स हैं। उनको यह दावे करने से पहले पड़ताल करनी चाहिए थी। बिना जाने ही ट्वीट कर दिया। उन्हें किसी डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए थी। मैं इस वेंटिलेटर को किसी भी मरीज के साथ डेमो देने के लिए तैयार हूं।
#PMCares opacity is:
1. Putting Indian lives at risk.
2. Ensuring public money is used to buy sub-standard products.#BJPfailsCoronaFighthttps://t.co/6lIAPH0SJL— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 5, 2020
वैश ने बताया कि डॉक्टरों को समझाने की जरूरत है और इसके बाद वेंटिलेटर का एक प्रदर्शन दिया जाता है। जिससे सही इस्तेमाल किया जा सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर थर्ड पार्टी इंस्टॉलेशन में चूक हुई और AgVa को लूप में रखे बिना ऐसा किया गया तो कई जगहों पर रीडिंग गलत आई कुछ अस्पतालों में ऐसा हुआ है। “दिल्ली में एलएनजेपी अस्पताल ने हमारे वेंटिलेटर को अस्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि हमारे वेंटिलेटर में BIP और CPAP नहीं हैं। लेकिन बाद में उन्होंने हमें एक ई-मेल भेजा जिसमें पुष्टि की गई कि हमारे वेंटिलेटर में BIPAP और CPAP है। जहां तक मुंबई के JJ अस्पताल और सेंट जॉर्ज अस्पताल की का सवाल है तो इंस्टालेशन थर्ड-पार्टी के माध्यम से की गई। उन्होंने इसे ठीक से स्थापित नहीं किया। इसलिए, उनके डॉक्टर इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते थे। यदि आप पेट्रोल के बजाय डीजल डालते हैं, तो क्या होगा? ”
बता दें कि राहुल गांधी ने एक खबर ट्वीट करते हुए लिखा था, पीएम केयर्स की अपारदर्शिता के कारण देश की जनता के जीवन को खतरे में डाला जा रहा है और लोगों के पैसे का इस्तेमाल घटिया क्वॉलिटी के उत्पाद खरीदने में किया जा रहा है।