केंद्र सरकार का कहना है कि कोरोना वैक्सीन की केवल एक खुराक लेने वालों में भी मौत का खतरा 96.60 फीसदी कम हो गया है। वहीं चार महीनों के आंकड़ों पर गौर करें तो यह वैक्सीन की दो डोज लेने वालों की संख्या से ज्यादा कम नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक दोनों डोज लेने वालों में 97.5 फीसदी मौत की आशंका कम हो गई है। इस लिहाज से देखा जा सकता है कि पहली और दूसरी खुराक लेने वालों में मौत की आशंका में कमी लगभग बराबर है।
मौत को रोकने में वैक्सीन के प्रभाव से संबंधित आंकड़ों को पेश करते हुए गुरुवार को आईसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि जल्द ही कोविन प्लैटफॉर्म और नेशनल कोविड-19 टेस्टिंग डेटाबेस के आधार पर रियलटाइम वैक्सीन ट्रैकर डेटा भी उपलब्ध करवाया जाएगा।
कहीं फर्जी तो नहीं कोरोना टीके की ख़ुराक, पढ़ लें सरकार की गाइडलाइन्स
गुरुवार को जारी आंकड़ों की बात करें तो देश के 58 फीसदी बालिग आबादी को कम से कम वैक्सीन की पहली डोज मिल गई है। वहीं 18 फीसदी लोग ऐसे हों जिनको दोनों डोज लग चुकी हैं।
मंत्रालय ने कहा कि गुरुवार को शाम सात बजे तक टीके की 73,80,510 खुराक दी गई। देर रात जारी होने वाली अंतिम रिपोर्ट में दैनिक टीकाकरण की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, शाम सात बजे तक की रिपोर्ट के मुताबिक 54,58,47,706 लाभार्थियों को पहली खुराक और 16,94,06,447 लाभार्थियों को दूसरी खुराक दी जा चुकी है।
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा है कि जिन लोगों ने अब तक कोरोना वैक्सीन की खुराक नहीं ली है, वे जल्द ही ले लें। पहली खुराक के साथ ही मौत की आशंका लगभग 96 फीसदी कम हो जाती है। भीड़-भाड़ से बचने का निर्देश देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा कि आगामी त्योहारों को देखते हुए लोगों को और सतर्क होंने की जरूरत है। हर हाल में भीड़ से बचना चाहिए और प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए।