प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को तीन शहरों का दौरा किया और कोरोना वैक्सीन की तैयारियों का जायजा लिया। इसी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने ट्वीट किया, ‘वैक्सीन के लिए तो नेहरू के बनाए इंस्टिट्यूट ही जाना पड़ेगा। वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी सो सिर्फ वायरस ही बना सकती है।’ कांग्रेस नेता के इस ट्वीट के बदा यूजर्स ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया।
एक यूजर ने लिखा, ‘लेकिन एंटोनियो माइनो तो रुटीन चैकअप के लिए भी अमेरिकी अस्पताल में जाती हैं। उन्हें नेहरू का अस्पताल अच्छा नहीं लगता क्या…???’ दूसरे यूजर त्रिवेदी दास ने लिखा, ‘चार पुस्त से राजपाट का लंबा इतिहास है नेहरू ने इंस्टिट्यूट बनवाकर देश के ऊपर कोई एहसान किया है क्या_? उल्टे ऐसा बीज बोकर गए की उसकी विरासत आज तक कायम है लोकतंत्र का इससे बढ़िया उदाहरण और क्या हो सकता है_? अपना पीठ मत थपथपाईये सिंह साहब… 1952 _64 वाला भारत अब नहीं रहा_’
सुमित श्रीवास्तव ने लिखा, ‘नेहरू का कैसा इंस्टीट्यूट? हमारे पैसे से सारी चीज़े बनती है। और आप नेताओ का भी पेट हमारे पैसे से ही भरता है। इसमे चाचा या साहेब या मैडम को श्रेय क्यूं देना?’ प्रभात नाम के यूजर ने लिखा, ‘ओ तेरी-,, नेहरू ने ऐसा इंस्टिट्यूट क्यों नहीं बनाया जिसमें सोनिया का इलाज हो सके इसके लिए विदेश क्यों जाना पड़ता है??’
वैक्सीन के लिये तो नेहरू के बनाये इन्स्टिट्यूट ही जाना पड़ेगा।
वाट्सऐप यूनिवर्सिटी तो सिर्फ वायरस ही बना सकती है !!
— Akhilesh P. Singh (@AkhileshPSingh) November 28, 2020
प्रधानमंत्री मोदी आज तीन शहरों का दौरा कर रहे हैं। वह पहले अहमदाबाद पहुंचे। यहां जायडस बायोटेक पार्क में वैक्सीन निर्माण की प्रगति और तैयारियों की जानकारी ली। इसके बाद वह हैदराबाद में भारत बायोटेक पहुंचे। उन्होंने वैज्ञानिकों के साथ बात भी की। अब वह पुणे में सीरम इंस्टिट्यूट जाएंगे। यहां ऑक्सफर्ड और ऐस्ट्राजेनेका की वैक्सीन विकसित हो रही है।
सीरम इंस्टिट्टू को वैक्सीन निर्माण के बारे में अग्रणी माना जा रहा है। इंस्टिट्यूट के सीईओ ने दावा किया था कि इसका ट्रायल अंतिम दौर में है और संभव है कि फरवरी तक लोगों के लिए उपलब्ध हो जाए। प्रधानमंत्री मोदी कोरोना वैक्सीन के वितरण के बारे में भी जानकारी लेने और चुनौतियों को जानने इन संस्थानों में पहुंचे हैं।