Coronavirus की रोकथाम के लिए भारत बायोटेक द्वारा विकसित की जा रही Corona Vaccine ‘कोवैक्सीन’ के दूसरे चरण के ट्रायल की ड्रग रेगुलेटर द्वारा मंजूरी दे दी गई है। इसके साथ ही भारत में विकसित वैक्सीन के जल्द मिलने की उम्मीद भी बढ़ गई है। द इंडियन एक्सप्रेस को पता चला है कि मानव शरीर पर होने वाला कोवैक्सीन का दूसरे चरण का ट्रायल नैतिक कमेटी का अप्रूवल मिलने के साथ ही आने वाले हफ्तों में शुरू हो सकता है।
बीती 3 सितंबर को जॉइंट ड्रग्स कंट्रोलर डॉ. एस.ईश्वरा रेड्डी ने हैदराबाद स्थित फर्म भारत बायोटके को भेजे पत्र में बताया था कि एक सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (विशेषज्ञ समिति) कंपनी द्वारा दूसरे चरण का ट्रायल शुरू करने की अपील का अध्ययन कर रही है। दूसरे चरण के ट्रायल में 380 वालंटियर्स पर इस वैक्सीन का ट्रायल किया जाएगा। बता दें कि कोवैक्सीन एक ‘इनएक्टिवेटिड’ वैक्सीन है, जिसमें एक वायरस (Non-Pathogenic) को मानव शरीर में इंजेक्ट किया जाता है।
वायरस के नॉन-पैथोजेनिक होने के चलते इस वायरस से इंसान बीमार नहीं होता है लेकिन उसका शरीर इस वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बना लेता है, जिससे मानव शरीर असल वायरस के हमले के वक्त पहले से ही तैयार रहता है।
वैक्सीन के ट्रायल का हर चरण बेहद अहम होता है। वैक्सीन के पहले चरण में वालंटियर्स के स्वास्थ्य पर नजर रखी जाती है और देखा जाता है कि वैक्सीन की डोज से वालंटियर्स को कोई परेशानी तो नहीं हो रही है। इसके बाद दूसरे चरण के ट्रायल में यह देखा जाता है कि यह वैक्सीन वायरस के प्रति कितनी असरदार है और एंटीबॉडी बना पा रही है या नहीं।
तीसरे और अंतिम चरण के ट्रायल में कंपनी यह देखती है कि बड़ी जनसंख्या को डोज देने पर यह वैक्सीन कितनी कारगर साबित हो रही है। कोवैक्सीन की बात करें तो इसके पहले चरण के ट्रायल में देश के 12 शहरों के 375 वालंटियर्स शामिल हुए थे।
भारत में विकसित हो रहीं कोरोना वैक्सीन में कोवैक्सीन प्रमुख है। कोवैक्सीन के दूसरे चरण का ट्रायल शुरू होते ही यह देश में विकसित की जा रहीं जाइडस कैडिला और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की वैक्सीन के साथ शुमार हो जाएगी, जिनका पहले से ही दूसरे चरण का ट्रायल चल रहा है।