Corona Vaccine Heart Attack Controversy: पार्टी में डांस करते हुए, शादी में जयामल के वक्त, जिम में ट्रेडवेल पर दौड़ते हुए, डंबल उठाते हुए लोगों को हार्ट अटैक आना, और तुरंत ही उनकी मौत होना। ऐसे न जाने कितने मामले में सामने आए, जिन्होंने लोगों को हैरान किया है। हाल में कर्नाटक के हासन जिले में 40 दिनों में 20 से ज्यादा लोग हार्ट अटैक से मर गए। इसको लेकर चर्चा के बीच कर्नाटक की सरकार ने कोरोना वैक्सीन को जिम्मेदार ठहराया। अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बयान आया है और रिसर्च के आधार पर वैक्सीन की वजह से हार्ट अटैक के दावों को खारिज किया गया है।
दरअसल, सिद्धारमैया सरकार ने दावा किया कि कोरोनावायरस की वैक्सीन की वजह से हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं। इसको लेकर नए सिरे से कोरोना वैक्सीन और हार्ट अटैक के कनेक्शन की चर्चा शुरू हो गई कि क्या ये दावा सही भी है या नहीं? ऐसे में भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने ICMR और AIIMS की रिसर्च का हवाला देते हुए कहा कि हार्ट अटैक का कोरोना की वैक्सीन से कोई लेना देना ही नहीं है।
सरकार ने सारे दावों को बताया बेबुनियाद
दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि युवाओं में बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामलों और कोरोना वैक्सीन के बीच किसी भी तरह का कोई कनेक्शन ही नहीं है। सरकार ने कहा कि ICMR की ओर से की गई स्टडीज में इस दावे की कोई पुष्टि नहीं हुई है। इसलिए वैक्सीन को लेकर किए गए सारे दावे पूरी तरह से बेबुनियाद हैं।
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कब हुई स्टडी, क्या थी रिपोर्ट?
ICMR की स्टडी को लेकर केंद्र सरकार ने बताया कि ये रिसर्च मई से अगस्त 2023 के बीच देश के 19 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में की गई थी। यह स्टडी उन लोगों पर की घई थी, जो कि पूरी तरह स्वस्थ थे लेकि 2021 से मार्च 2023 के बीच उनकी अचानक मौत हो गई थी। स्टडी से पता चला था कि कोरोना की वैक्सीन से युवाओं में हार्ट अटैक का कोई खतरा नहीं बढ़ा है, और वैक्सीन से इस समस्या का कोई कनेक्शन नहीं है।
गौरतलब है कि सरकार ने यह रिपोर्ट ऐसे समय में सामने रखी है, जब देश में लगातार हार्ट अटैक के मामले में बढ़ रहे हैं। ICMR नेशनल फॉर डिसीज कंट्रोल अचानक हो रही इन हार्ट अटैक से मौतों के पीछे के कारण पता लगाने के लिए काम कर रहा है। आए दिन आ रहे हार्ट अटैक से मौतों के मामलों को लाइफ स्टाइल को जिम्मेदार माना गया है।
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