देश में कोरोना संक्रमण व ओमीक्रान बहुरूप के बढ़ते खतरे के बीच राजधानी दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, गोवा, छत्तीसगढ़ व केरल में सख्ती बढ़ा दी गई है और कई पाबंदियों का एलान किया गया है। संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए दिल्ली में सप्ताहांत बंद (कर्फ्यू ) लगाने का फैसला किया गया है। वहीं छत्तीसगढ़ में चार फीसद से अधिक संक्रमण वाले क्षेत्रों में सार्वजनिक स्थलों को बंद करने के लिए आदेश जारी किए हैं। हरियाणा सरकार ने सरकारी कार्यालयों में 50 फीसद क्षमता से काम करने का फैसला लिया है।

दिल्ली में शनिवार व रविवार को बंद (कर्फ्यू) की व्यवस्था लागू की गई है। मंगलवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता वाली दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि इस दौरान दिल्ली के अंदर आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे और सरकारी कर्मचारी घर से काम करेंगे। ज्ञात हो दिल्ली में पहले ही संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद से रात्रि बंद की व्यवस्था लागू है। वहीं निजी क्षेत्र में इस दौरान कार्य के लिए केवल 50 फीसद ही कर्मचारी आएंगे। सार्वजनिक परिवहन को संक्रमण से बचाने के लिए सरकार ने फैसला लिया है कि मेट्रो व बस सेवा अब 100 फीसद क्षमता के साथ चलेंगी।

पंजाब में रात्रि कर्फ्यू, शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे : संक्रमण के बढ़ते मामलों के बाद पंजाब सरकार ने राज्य में रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाने, शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने और सिनेमाघरों को 50 फीसद क्षमता के साथ संचालित करने का फैसला किया। सरकारी आदेशों के मुताबिक पंजाब के सभी शहरों और कस्बों की नगरपालिका सीमा के भीतर रात 10 बजे से सुबह पांच बजे तक सभी गैर-जरूरी गतिविधियों के लिए लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी।

इसके अतिरिक्त सभी शैक्षणिक संस्थान, स्कूल, कालेज, विश्वविद्यालय और ‘कोचिंग सेंटर’ बंद रहेंगे। जबकि बार, सिनेमाघर, मल्टीप्लेक्स, माल, रेस्तरां, स्पा, संग्रहालय और चिड़ियाघर 50 प्रतिशत क्षमता के साथ संचालित किए जाएंगे। इन संस्थानों के सभी कर्मचारियों का पूर्ण टीकाकरण अनिवार्य किया गया है। इसके अतिरिक्त पूर्ण टीकाकरण करा चुके कर्मचारियों को ही सरकारी व निजी कार्यालयों, कार्यस्थलों, कारखानों में जाने की अनुमति होगी। ये सभी पाबंदियां पंजाब में 15 जनवरी तक जारी रहेंगी।

उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रात्रिकालीन कर्फ्यू की अवधि दो घंटे और बढ़ाने और स्कूलों को 10 वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए 15 जनवरी तक छुट्टी घोषित करने के निर्देश दिए। प्रदेश में गुरुवार से कोरोना कर्फ्यू अब रात्रि दस बजे से सुबह छह बजे तक प्रभावी रहेगा।

छत्तीसगढ़ में अधिक संक्रमण वाले जिलों में रोक : छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चार फीसद से अधिक संक्रमण दर वाले जिलों में सार्वजनिक स्थानों को बंद रखने और रात्रिकालीन पाबंदियां लगाने के आदेश दिए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, रात्रि 10 बजे से सुबह छह बजे तक गैर व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक रहेगी। ऐसी जगहों पर धारा 144 लागू की गई है तथा महामारी अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। जिलों में सभी स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, पुस्तकालयों, स्वीमिंग पूल और सार्वजनिक स्थानों को बंद रखा जाए। राज्य के सभी जिलों में जुलूसों, रैलियों, समूह में एकत्र होने, सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और खेल आयोजनों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया गया है। आदेशों में कहा गया है कि माल के मालिकों, थोक विक्रेताओं, जिम, सिनेमा और थिएटर के मालिकों, होटल-रेस्टोरेंट, स्विमिंग पूल, आडिटोरियम, विवाह भवनों के प्रबंधकों के साथ बैठक कर यह सुनिश्चित करें कि इन स्थानों में कुल क्षमता से केवल एक तिहाई लोगों को प्रवेश दिया जाए।

मुंबई में मामले बढ़े तो होगा बंद, गोवा में शिक्षा संस्थान बंद : मुंबई की महापौर किशोरी पेडनेकर ने मंगलवार को कहा कि संक्रमण के दैनिक मामले 20,000 का आंकड़ा पार करते हैं तो केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार शहर में बंद (लाकडाउन) किया जाएगा। वहीं गोवा में भी सरकार ने स्कूल व कालेजों को 26 जनवरी तक बंद करने का फैसला लिया है जबकि मुंबई में यह रोक 31 जनवरी तक रहेगी। पेडनेकर ने बताया कि आम जनता से अपील की है कि सार्वजनिक परिवहन में यात्रा करते समय लोग तीन परतों वाला मास्क पहनें। उन्होंने लोगों से जल्द से जल्द टीका लगवाने और कोरोना संक्रणम संबंधित सभी मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन करने की भी अपील की। पुणे जिले में कक्षा 1 से 8 तक के लिए स्कूलों को 30 जनवरी तक बंद करने का फैसला किया है।

केरल में रोकथाम के लिए कई निर्देश : कोविड-19 के ओमीक्रोन बहुरूप के बढ़ते मामलों के मद्देनजर केरल सरकार ने इसके प्रसार को रोकने के लिए मंगलवार को कई निर्देश जारी किए, जिनमें सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों में शरीक होने वालों की संख्या सीमित करना भी शामिल है।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की अध्यक्षता में हुई कोविड-19 समीक्षा बैठक में बंद कमरों में विवाह, राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल होने वाले लोगों की अधिकतम संख्या 75 तक सीमित कर दी गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने कहा कि खुले स्थानों पर इन कार्यक्रमों में 150 तक लोग शामिल हो सकते हैं।

मंगलवार को कोरोना के 55,000 से अधिक मामले

देश में मंगलवार रात 12 बजे तक 32 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कोरोना विषाणु संक्रमण के 55,213 मामले आए जबकि संक्रमण की वजह से 535 लोगों की मौत हुई। इनमें से 423 मौतें पिछले दिनों हुईं जिन्हें मंगलवार को जोड़ा गया। ये आंकड़े राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य विभागों की ओर से जारी किए गए। इन आंकड़ों में त्रिपुरा, दादर नागर हवेली व दमन दीव, झारखंड और लक्षद्वीप के आंकड़े शामिल नहीं हैं।

देश में सबसे अधिक कोरोना विषाणु संक्रमण के मामले महाराष्ट्र में दर्ज किए गए। महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राज्य में 18,466 मामले सामने आए और 20 लोगों की मौत हुई। महाराष्ट्र के अलावा पश्चिम बंगाल में 9,073, दिल्ली में 5,481, केरल में 3,640, तमिलनाडु में 2,731, कर्नाटक में 2,479, गुजरात में 2,265, राजस्थान में 1,137, हरियाणा में 1,132, छत्तीसगढ़ में 1,060, तेलंगाना में 1,052, पंजाब में 1,005, उत्तर प्रदेश में 959, बिहार में 794, ओड़ीशा में 680, गोवा में 592, असम में 475, मिजोरम में 347, आंध्र प्रदेश में 334, उत्तराखंड में 310, मध्य प्रदेश में 308, हिमाचल प्रदेश में 260, जम्मू कश्मीर में 199, चंडीगढ़ में 128, मणिपुर में 70, पुदुचेरी में 66, लद्दाख में 65, अंडमान निकोबार में 36, मेघालय में 32, अरुणाचल प्रदेश में 23, सिक्किम में 10 और नगालैंड में चार मामले दर्ज किए गए।

कोलकाता में संक्रमण दर 34%

कोरोना संक्रमण के मामलों में देश के बड़े शहरों में तेजी से इजाफा हुआ है। मंगलवार को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में कोरोना के 4,759 मामले आए और संक्रमण दर 33.63 फीसद के रही। ये मामले सोमवार के मुकाबले 1,958 मामले अधिक हैं। इसी तरह महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में मंगलवार को 10,860 मामले आए और शहर की संक्रमण दर 21.86 फीसद रही। मंगलवार को आर्थिक राजधानी में सोमवार के मुकाबले 34 फीसद ज्यादा मामले आए। वहीं, महाराष्ट्र के एक और शहर पुणे में 1,104 मामले आए। शहर की संक्रमण दर 18 फीसद दर्ज की गई। इसको देखते हुए पुणे जिले में पहली से आठवीं कक्षा तक के स्कूल बंद करने का निर्णय लिया है।

फ्रांस में कोरोना के नए बहुरूप ‘आइएचयू’ की पहचान

दुनिया वर्तमान में सार्स-कोव-2 के अत्यधिक उत्परिवर्तित ओमीक्रान बहुरूप से जूझ रही है। कई देश ओमीक्रान के मामले में आए उछाल से त्रस्त हैं। वहीं, वैज्ञानिकों ने दक्षिणी फ्रांस में कोरोना के नए बहुरूप की पहचान की है। ‘आइएचयू’ के रूप में नामित बी.1.640.2 संस्करण को ‘आइएचयू मेडिटेरेनी इंफेक्शन’ के शोधकर्ताओं ने कम से कम 12 लोगों में पाया है। इसे अफ्रीकी देश कैमरून की यात्रा से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, शोधकर्ताओं का कहना है कि जहां तक संक्रमण और टीकों से सुरक्षा का संबंध है, तो इस बारे में अभी अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी।

स्वास्थ्य विज्ञान के बारे में अप्रकाशित पांडुलिपियों को प्रकाशित करने वाली इंटरनेट साइट मेडआर्काइव पर 29 दिसंबर को पोस्ट किए गए अध्ययन से पता चला है कि आइएचयू में 46 उत्परिवर्तन और 37 विलोपन हैं, जिसके परिणाम बहुरूप 30 ‘अमीनो एसिड’ प्रतिस्थापन और 12 विलोपन होते हैं। अमीनो एसिड ऐसे अणु होते हैं, जो प्रोटीन बनाने के लिए गठबंधन करते हैं और दोनों जीवन के निर्माण खंड हैं।

वर्तमान में उपयोग किए जाने वाले अधिकांश टीके सार्स-कोव-2 के स्पाइक प्रोटीन पर लक्षित होते हैं। ये विषाणु कोशिकाओं में प्रवेश करने और संक्रमण के लिए इन्हीं प्रोटीन को निशाना बनाते हैं। एन501वाइ और ई484के उत्परिवर्तन पहले बीटा, गामा, थीटा और ओमीक्रान बहुरूप में भी पाए गए थे।

अध्ययन के लेखकों ने कहा है कि यहां प्राप्त जीनोम के उत्परिवर्तन सेट और फाइलोजेनेटिक स्थिति हमारी पिछली परिभाषा के आधार पर आइएचयू नामक एक नए संस्करण की ओर इंगित करती है। बी.1.640.2 को अब तक अन्य देशों में पहचाना नहीं गया है या विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) द्वारा जांच के तहत किसी प्रकार का लेबल नहीं लगाया गया है। महामारी विशेषज्ञ एरिक फीगल-डिंग ने एक लंबा ‘ट्विटर थ्रेड’ साझा किया जिसमें उन्होंने कहा कि नए बहुरूप सामने आते रहते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे अधिक खतरनाक होंगे। फीगल-डिंग ने मंगलवार को ट्वीट किया कि जो चीज किसी बहुरूप को अधिक खतरनाक बनाती है, वह है मूल विषाणु की तुलना में वह कितना गुना उत्परिवर्तन है।