कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए दिल्ली और यूपी सरकारों ने बुधवार (8 अप्रैल) को कई इलाकों को ”कोराना हॉटस्पॉट” घोषित कर दिया। संभव है, नौ अप्रैल को और नए इलाकों को ”हॉट स्पॉट” घोषित किया जाए। यूपी में 15 जिलों में ”हॉट स्पॉट” चिह्नित किए गए हैं और दिल्ली में 20 जगह ”कोरोना हॉटस्पॉट” के तौर पर चिह्नित किए गए हैं। आइए, जानते हैं ”हॉटस्पॉट” घोषित करने का क्या मतलब है और इस दौरान क्या-कैसे होगा?
”हॉट स्पॉट” घोषित किए गए इलाके 15 अप्रैल तक सील रहेंगे। मतलब न कोई घर से बाहर जा पाएगा और न बाहर से अंदर आ सकेगा। इलाके की कोई दुकान नहीं खुलेगी। दूध-सब्जी-राशन जैसी जरूरी चीजें पुलिस-प्रशासन की ओर से मुहैया कराई जाएंगी।
यूपी में जिस भी जिले में छह से ज्यादा कोराना संक्रमित मरीज पाए गए हैं, वहां हॉटस्पॉट चिह्नित किए गए हैं। जो इलाके हॉटस्पॉट नहीं घोषित किए गए हैं, वहां देशबंदी (लॉकडाउन) के सामान्य नियम लागू रहेंगे। अनिवार्य सेवाएं जारी रहेंगी।
लॉकडाउन में आवाजाही के लिए आम नागरिकों को जो पास जारी किए गए थे, हॉटस्पॉट घोषित किए गए इलाकों में वे रद्द माने जाएंगे। आवाजाही बिल्कुल बंद रहेगी। ये इलाके ‘जीरो ट्रैफिक जोन’ रहेंगे। 24 घंटे पुलिस की निगरानी रहेगी। अनिवार्य सेवाओं में लगे लोगों को काम पर जाने की इजाजत होगी।
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सील किए गए इलाके में किसी को इमरजेंसी मेडिकल सेवाओं की जरूरत होगी तो एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया जाएगा। निजी वाहनों में ले जाने की इजाजत नहीं होगी। सील किए गए इलाके में केवल सरकारी अफसर, पुलिस, सफाई व स्वास्थ्यकर्मी आदि ही आ-जा सकेंगे। इन इलाकों में रहने वाले मीडियाकर्मियों को भी काम पर आने-जाने की इजाजत होगी।
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दिल्ली में सील किए गए इलाकों में लोगों को राशन मुहैया कराने के लिए मापतौल विभाग के ऑफिसर को जिम्मेदारी सौंपी गई है। दवाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट को सौंपी गई है।
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