बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर विवादित टिप्पणी कर दी। उन्होंने देश में गृहयुद्ध के लिए CJI संजीव खन्ना को जिम्मेदार ठहरा दिया। अब उनके बयान पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीजेपी ने निशिकांत दुबे के बयान से किनारा कर लिया है तो विपक्षी दल लगातार इसको लेकर भाजपा पर संविधान का अपमान करने का आरोप लगा रहे हैं।
उमर अब्दुल्ला ने किया इमरजेंसी का जिक्र
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के बयान पर उमर अब्दुल्ला ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “सुप्रीम कोर्ट को सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों की समीक्षा करने का अधिकार दिया गया है। ऐसे कई उदाहरण हैं जब सुप्रीम कोर्ट ने सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों की समीक्षा की है। क्या इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाने के फैसले को अदालतों में चुनौती नहीं दी गई थी? इसे चुनौती दी गई थी। आज अगर कोई सुप्रीम कोर्ट जाता है तो उसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। न्यायालय और विधायिका का अपना अधिकार क्षेत्र है।”
भाजपा नेता ने बयान से किया किनारा
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के सुप्रीम कोर्ट पर दिए गए बयान पर भाजपा नेता अग्निमित्रा पॉल ने कहा, “यह उनकी निजी राय हो सकती है और ऐसा तब तक है जब तक पार्टी का कोई वरिष्ठ सदस्य इस बारे में कुछ नहीं कहता। हमारे पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी का रुख स्पष्ट कर दिया है, इसलिए अब मैं इस मुद्दे पर व्यक्तिगत बयान नहीं दे सकती।”
वकील कर रहे आलोचना
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की सुप्रीम कोर्ट पर की गई टिप्पणी की वरिष्ठ अधिवक्ता आदिश अग्रवाल ने आलोचना की। उन्होंने ANI से कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर ऐसे कद के सांसद जो कानून निर्माता हैं, वे इस तरह के गैरजिम्मेदाराना बयान देते हैं, तो इससे न्यायपालिका की गरिमा कम होगी। इससे कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध खराब होंगे। हालांकि हमारी न्यायपालिका उस बयान की परवाह नहीं करती, लेकिन भारतीय न्यायपालिका कानून के अनुसार आदेश पारित करती है। यह अदालत की अवमानना हो सकती है लेकिन हमारी अदालतें बहुत उदार हैं और वे ऐसी चीजों का संज्ञान नहीं लेतीं।”
निशिकांत दुबे ने क्या कहा था?
निशिकांत दुबे ने कहा था कि अगर सुप्रीम कोर्ट को कानून बनाना है तो संसद भवन को बंद कर देना चाहिए। निशिकांत दुबे ने समाचार एजेंसी ANI के साथ बातचीत के दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमा से बाहर जा रहा है और उन्होंने पुराने फैसलों का उदाहरण देते हुए कहा कि देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार है।