भारतीय सेना में भर्ती की नई स्कीम ‘अग्निपथ योजना’ का देश भर में युवा विरोध कर रहे हैं। कई जगहों पर ये विरोध हिंसक रूप ले चुका है और जगह-जगह प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर हिंसक प्रदर्शन में एक शख्स की मौत हो गई है। दूसरी तरफ, अग्निपथ योजना को लेकर विपक्षी दलों ने केंद्र पर निशाना साधा है।

कांग्रेस ने इस योजना को जल्दबाजी में तैयार की गई योजना बताया और सरकार से इस भर्ती योजना को ‘स्थगित’ रखने को कहा। साथ ही पार्टी ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर सेवारत एवं सेवानिवृत्त अधिकारियों के साथ व्यापक विचार विमर्श करे। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, “न कोई रैंक, न कोई पेंशन, न 2 साल से कोई सीधी भर्ती , न 4 साल के बाद स्थिर भविष्य , न सरकार का सेना के प्रति सम्मान, देश के बेरोजगार युवाओं की आवाज सुनिए, इन्हे ‘अग्निपथ’ पर चला कर इनके संयम की ‘अग्निपरीक्षा’ मत लीजिए, प्रधानमंत्री जी।”

वहीं, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सैन्य भर्ती को लेकर जो खानापूर्ति करनेवाला लापरवाह रवैया अपनाया जा रहा है, वो देश और देश के युवाओं के भविष्य की रक्षा के लिए घातक साबित होगा। जबकि वाम दलों ने सरकार से इस स्कीम को रद्द करने की मांग की।

राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि केंद्र ने 2022 तक 80 करोड़ नौकरियों का वादा किया था और अब सरकार डिफेंस सर्विस में शिक्षित युवाओं के लिए मनरेगा जैसी योजना लेकर आई है। वहीं, दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सरकार से अपील की और कहा कि युवाओं को जीवन भर देश की सेवा करने का मौका दिया जाए, न कि केवल चार साल के लिए।

बसपा प्रमुख मायावती ने अग्निपथ योजना पर कहा कि यह योजना ग्रामीण युवाओं और उनके परिवार के भविष्य के साथ खुला खिलवाड़ है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि देश में लोग पहले ही बढ़ती गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी एवं सरकार की गलत नीतियों व अहंकारी कार्यशैली से त्रस्त हैं। ऐसे में सेना में नई भर्ती को लेकर युवा वर्ग में फैली बेचैनी अब निराशा उत्पन्न कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार तुरन्त अपने फैसले पर पुनर्विचार करे।