केरल में मत्स्य पालन और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री साजी चेरियन द्वारा संविधान को लेकर दिए बयान से विवाद पैदा हो गया है। दरअसल चेरियन ने अपने बयान में कहा कि भारतीय संविधान आम लोगों के शोषण और लूट का समर्थन करता है। इस बयान को लेकर विपक्ष ने साजी चेरियन का इस्तीफा मांगा है।
सोमवार(4 जुलाई) को पठानमथिट्टा में एक पार्टी समारोह में बोलते हुए वरिष्ठ माकपा नेता चेरियन ने कहा, “देश में संविधान इस तरह से लिखा गया है कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अधिक से अधिक लोगों को लूटा जाए।” संविधान को लेकर उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने जो तैयार किया, उसे भारतीयों ने लिख दिया। पिछले 75 वर्षों से लागू संविधान देश में अधिकतम लोगों का शोषण सुनिश्चित करता है।
उन्होंने कहा, “हम सभी मानते हैं कि बहुत सुंदर संविधान है, लेकिन यह श्रमिक वर्ग के लिए तो बिल्कुल भी मुफीद नहीं है। इसका इस्तेमाल देश को लूटने के लिए हो रहा है।” चेरियन के इस बयान पर जहां विपक्षी कांग्रेस और भाजपा इस्तीफे की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे तो वहीं राज्यपाल के कार्यालय ने मंत्री के भाषण को लेकर विवरण मांगा है।
हालांकि विवाद बढ़ता देख चेरियन ने अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। चेरियन ने कहा, “एक लोक सेवक के रूप में, मैं संविधान का सम्मान करता हूं। हमारी पार्टी हमारे संविधान और उसके द्वारा बनाए गए मूल्यों की रक्षा करने में सबसे आगे है।”
वहीं सीपीआई (एम) ने चेरियन के इस्तीफे की मांग पर कहा कि उनके पद छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है। बता दें कि चेरियन के बयान से पार्टी के लिए असहज स्थिति बनी हुई है। दरअसल सीपीआई(एम) अक्सर भाजपा पर आरोप लगाती रही है कि वह संविधान को कमजोर कर रही है। वहीं सीपीआई (एम) पोलित ब्यूरो के सदस्य एम ए बेबी ने चेरियन का बचाव करते हुए कहा, “उन्होंने संविधान की आलोचना नहीं की, लेकिन केवल सत्ता के केंद्रों के खिलाफ बात की है। यदि मंत्री की तरफ से कोई चूक हुई है, तो उसे सुधारा जाएगा।”
गौरतलब है कि चेंगन्नूर विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहे चेरियन के इस ताजा बयान की वजह से सीपीआई-एम पर विपक्षी दलों को जुबानी हमला करने का मौका मिल गया है। दरअसल सोना तस्करी मामले की वजह से पार्टी पहले से ही मुश्किलों का सामना कर रही है। वहीं अब इस बयान के बाद पार्टी की परेशानी ज्यादा बढ़ गई है।