26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद केंद्र सरकार 15 अगस्त को लेकर विशेष तैयारी करती हुई दिखाई दे रही है। इस बार लाल किले की सुरक्षा के लिए विशालकाय कंटेनरों का सहारा लिया जा रहा है। किले के प्रवेश द्वार के पास एक के ऊपर एक करते हुए कंटेनर की पूरी दीवार तैयार की गई है। अब तक के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है। यह दीवार इतनी ऊंची है कि अब चांदनी चौक से प्रधानमंत्री को झंडा फहराते हुए देखना संभव नहीं होगा।

दिल्ली पुलिस से जुड़े सूत्रों के अनुसार हाल ही में पाकिस्तान सीमा पर हुए ड्रोन हमले को देखते हुए यह सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इन कंटेनरों की रंगाई पुताई करके इन्हें सजाया जाएगा। बताते चलें कि 26 जनवरी को आंदोलनरत किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया था लेकिन कुछ ही घंटों में ट्रैक्टर दिल्ली में दाखिल हो गए थे, पुलिस के साथ हिंसक झड़पों की तस्वीरें भी सबने देखी थीं। जानकारी के मुताबिक इस हिंसा में 394 पुलिस कर्मी घायल हो गए थे।

ऐसा माना जा रहा है कि सरकार 26 जनवरी की घटना से सबक लेते हुए विशेष तैयारियां कर रही है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हर साल प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हैं।

15 अगस्त पर क्या है किसानों की तैयारी: पिछले दिनों एक समाचार चैनल ने किसान नेता राकेश टिकैत से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आंदोलन की रणनीति पर सवाल किया तो टिकैत ने कहा था कि हम सरकार से दिल्ली में दाखिल होने की अनुमति लेंगे और शांति के साथ झंडा फहराएंगे।

सीमा पर बढ़ी गतिविधि के बीच खुफिया अलर्ट: पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान की सीमा पर बढ़ी गतिविधियों को देखते हुए खुफिया विभाग की तरफ से भी अलर्ट जारी किया है। सीमा पर आधा दर्जन से ज्यादा मौकों पर ड्रोन की एक्टिविटी देखी गई है। इनके जरिए हथियार और विस्फोटक ले जाने की भी पुष्टि हुई है। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता किया जा रहा है।