कांग्रेस ने फैसला किया है कि वह पांच जनवरी से ‘मनरेगा बचाओ अभियान’ की शुरुआत करेगी और ‘विकसित भारत-जी राम जी अधिनियम’ को वापस करने के लिए लड़ाई लड़ेगी। कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की शनिवार को हुई बैठक में यह फैसला किया गया।

बैठक के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पत्रकारों से कहा, “बैठक में यह शपथ ली गई कि मनरेगा योजना को प्रमुख बिंदु बनाकर सारे देश में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा।”

खड़गे ने कहा, “कांग्रेस पांच जनवरी से मनरेगा बचाओ अभियान की शुरूआत करेगी।” सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस नेताओं ने शपथ ली कि हर हाल में मनरेगा की रक्षा की जाएगी। कांग्रेस ने कहा है कि मनरेगा कोई योजना नहीं, भारत के संविधान से मिला काम का अधिकार है।

‘मोदी सरकार ने गरीबों के पीठ में छुरा घोंपा’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “मनरेगा को रद्द किए जाने से लोग नाराज हैं, सरकार को इसके नतीजे भुगतने होंगे। राज्यों पर अतिरिक्त खर्च का बोझ पड़ेगा, यह बिना परामर्श के लिया गया एकतरफा फैसला है।”

कांग्रेस नेताओं ने संकल्प लिया कि ग्रामीण मजदूर के सम्मान, रोजगार, मजदूरी और समय पर भुगतान के अधिकार के लिए एकजुट होकर संघर्ष किया जाएगा।

संघीय ढांचे पर हमला- राहुल गांधी

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मंत्रिमंडल से बिना पूछे और बिना मामले का अध्ययन किए अकेले ही इसे खत्म कर दिया। उन्होंने कहा, “यह राज्यों और गरीब लोगों पर प्रधानमंत्री द्वारा किया गया एक विनाशकारी हमला है, ठीक उसी तरह जैसे नोटबंदी की गई थी।”

राहुल ने कहा कि मनरेगा को निरस्त करना संघीय ढांचे पर हमला है। उन्होंने कहा कि इसकी दुनिया भर में सराहना की जाती थी।

कांग्रेस नेताओं ने कहा, ‘‘हम यह भी शपथ लेते हैं कि मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम मिटाने और मजदूर के अधिकार को खैरात में बदलने की हर साज़िश का लोकतांत्रिक विरोध करेंगे।

संसद ने विपक्ष के हंगामे के बीच बीते 18 दिसंबर को ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025’ को मंजूरी दी थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हस्ताक्षर के बाद अब यह अधिनियम बन चुका है। यह 20 साल पुराने मनरेगा की जगह लेगा।

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