लोकसभा में पिछले दिनों हंगामा कर रहे 25 कांग्रेस सदस्यों को पांच दिनों के लिए निलंबित करने के विरोध में सरकार पर तानाशाही का आरोप लगा रहे कांग्रेस सदस्यों की नारेबाजी एवं हंगामे के कारण राज्यसभा में भी गतिरोध बना रहा और उच्च सदन की बैठक दो बार के स्थगन के बाद दोपहर करीब दो बजे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। गुरुवार को भी प्रश्नकाल और शून्यकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया तथा सदन में कोई कामकाज नहीं हो पाया।

सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उधमपुर में बीएसएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले पर स्वत: आधार पर एक बयान दिया। उन्होंने जब बयान दिया तो सभी सदस्यों ने उसे पूरी शांति के सुना। लेकिन गृह मंत्री के बयान के फौरन बाद कांगे्रस के सदस्यों ने आसन के समक्ष आकर सरकार एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान सपा, वाम, जद(एकी) आदि दलों के सदस्य भी अपने स्थान पर खड़े हुए थे।

हंगामे के बीच ही संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने नारेबाजी कर रहे कांगे्रस सदस्यों से सवाल किया कि सदन चलाना तानाशाही है या नारेबाजी कर सदन की कार्यवाही को बाधित करना तानाशाही है। इस बीच कुरियन ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों को अपने स्थानों पर जाने के लिए कई बार समझाया। लेकिन अपनी अपील का कोई असर होते न देख उन्होंने बैठक को दोपहर 11 बजकर 20 मिनट पर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

सदन की बैठक दोपहर बारह बजे शुरू होने पर वही नजारा था। सभापति हामिद अंसारी ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने का ऐलान किया, कांगे्रस के सदस्यों ने आसन के समक्ष आकर सरकार एवं प्रधानमंत्री पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। सपा, वाम, जदयू आदि दलों के सदस्य भी अपने स्थान पर खड़े हो गए। सभापति ने कांग्रेस सदस्यों से अपने स्थान पर लौट जाने और प्रश्नकाल चलने देने के लिए कहा। लेकिन सदन में व्यवस्था न बनते देख कर उन्होंने केवल पांच मिनट के भीतर ही दोपहर दो बजे तक के लिए बैठक स्थगित कर दी।

दो बार के स्थगन के बाद जब दोपहर दो बजे बैठक शुरू हुई तो उप सभापति पी जे कुरियन ने प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह से भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) विधेयक 2013 को चर्चा के लिए सदन में पेश करने को कहा। इसी बीच कांगे्रस के सदस्यों ने आसन के समक्ष आकर सरकार एवं प्रधानमंत्री पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे के बीच ही सिंह ने विधेयक को चर्चा के लिए पेश किया। उप सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने को कहा।

इस बीच संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि विपक्ष चर्चा चाहता ही नहीं, इसीलिए वह सदन में कोई कामकाज नहीं होने दे रहा है। उन्होंने उप सभापति से कहा कि आप पूछिए इनसे कि ये क्या चाहते हैं। दूसरी ओर कांग्रेस सदस्यों की नारेबाजी एवं हंगामा जारी था। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने उनके हंगामे का विरोध किया। सदन में अव्यवस्था के चलते कुरियन ने बैठक शुरू होने के केवल पांच मिनट के भीतर ही कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।