कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार (15 जनवरी) को अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे। इस बीच लखनऊ से अमेठी के रास्ते में उन्होंने चुरवा के हनुमान मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की। रविवार को राहुल के दौरे से पहले अमेठी में एक विवादित पोस्टर लगाया गया था जिसमें राहुल गांधी को प्रभु श्रीराम के रूप में दिखाया गया था जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रावण बताया गया था। इस पोस्टर में लिखा था, ‘राहुल में भगवान राम का अवतार, 2019 में आएगा राहुल राज (रामराज)।’ अमेठी के गौरीगंज रेलवे स्टेशन के पास लगे इस पोस्टर से वहां विवाद खड़ा हो गया। बीजेपी के नेताओं ने जहां कांग्रेस और राहुल गांधी पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया वहीं कांग्रेस ने ऐसे पोस्टर लगाने से इनकार किया और बीजेपी पर ही गंदी राजनीति का आरोप लगाया।

इधर, दिन भर मीडिया में इस बात की चर्चा रही कि क्या 2019 के लोक सभा चुनाव तक यूं ही हिन्दुत्व और नेताओं के मंदिर-मंदिर जाने का सिलसिला बरकरार रहेगा। न्यूज 18 इंडिया के हम तो पूछेंगे कार्यक्रम में भी इसी बात पर चर्चा हुई। चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस प्रवक्ता राजीव त्यागी ने गुणों को गिनाते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और हिन्दुओं के अराध्यदेव प्रभु श्रीराम में कई समानताएं हैं। उन्होंने कहा कि प्रभू श्री राम शिवभक्त थे, राहुल गांधी भी शिवभक्त हैं। त्यागी ने श्रीराम को प्रकृतिवादी, मानवतावादी और कल्याणकारी बताते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी प्रकृतिवादी, मानवतावादी और कल्याणकारी हैं।

जब कांग्रेस के प्रवक्ता राहुल गांधी की तुलना श्रीराम से कर रहे थे तभी आरएसएस से जुड़े संगीत रागी ने उनकी आलोचना की। उधर, वरिष्ठ पत्रकार शेष नारायण सिंह ने कहा कि अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस ने चापलूसों की फौज खड़ी कर रखी है। बता दें कि विवादित पोस्टर में राहुल गांधी को धनुष-बाण लेकर पीएम मोदी की तरफ निशाना साधते हुए दिखाया गया है। सामने रावण बने पीएम मोदी की गर्दन पर लाल खून का निशान भी दिखाया गया है। गौरतलब है कि राहुल गांधी गुजरात विधान सभा चुनावों के दौरान भी मंदिरों में अक्सर पूजा अर्चना करते नजर आए थे। माना जा रहा है कि बीजेपी के हिन्दुत्व एजेंडे की काट में राहुल मंदिरों की परिक्रमा करने लगे हैं।