केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन बिल को लेकर विरोध और समर्थन की बातें तेज हो गई हैं। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), समाजवादी पार्टी, सीपीएम, एनसीपी और डीएमके समेत कई दूसरे दल इस बिल की खिलाफत कर रहे हैं। सोमवार को इस बिल पर लोकसभा में बहस होना है। सरकार इसको पास कराने में लगी है। लोकसभा में सरकार का बहुमत है, इससे सरकार के लिए ज्यादा मुश्किल नहीं होगी।
आरोप लगाया कि सरकार ‘एक समुदाय’ को बना रही निशाना : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने इस बिल का जोरदार विरोध किया है। उनका कहना है कि इस बिल के पास होने से देश में मोहम्मद अली जिन्ना के विचारों की जीत हो जाएगी। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों पर मोहम्मद अली जिन्ना के विचारों को थोपने जैसा होगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ‘एक समुदाय’ को निशाना बना रही है।
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कहा, बिल से “पाकिस्तान का हिन्दुत्व संस्करण” जैसे होंगे हालात : तिरुवनंतपुरम में उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है। वह संविधान के मूल सिद्धांतों के खुल्लमखुल्ला उल्लंघन की अनुमति नहीं देगा। उन्होंने चेताया कि यदि धर्म के आधार पर नागरिकता तय होगी तो देश का स्तर गिर जाएगा। कहा, “यह वैसा ही होगा जैसे पाकिस्तान का हिन्दुत्व संस्करण बनाया जा रहा हो।” कहा, “यह सरकार का शर्मनाक काम है जिसने पिछले वर्ष राष्ट्रीय शरणार्थी नीति बनाने पर चर्चा करने से इंकार कर दिया, जिसे मैंने निजी सदस्य विधेयक के तौर पर प्रस्तावित किया था और तत्कालीन गृहमंत्री, गृह राज्यमंत्री और गृह सचिव के साथ निजी तौर पर साझा किया था।”
बिल में अप्रवासियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान : उनके मुताबिक नागरिकता संशोधन बिल में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान से भारत आए अवैध अप्रवासियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है बशर्ते कि वो मुसलमान नहीं हों। बिल से इन देशों से भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी समुदाय के लोगों को फायदा मिलेगा।