कांग्रेस ने आज नरेन्द्र मोदी सरकार पर राहुल गांधी पर ‘‘राजनीतिक जासूसी’’ कराने का आरोप लगाया और दावा किया कि उनके स्टाफ ने दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी को उनके बारे में ‘‘अवांक्षित और बेतुकी’ पूछताछ करते पकड़ा था।
गांधी पर जासूसी और निगरानी के मुद्दे को संसद में उठाने की घोषणा करते हुए कांग्रेस ने इस मुद्दे पर गृह मंत्री और प्रधानमंत्री से व्यापक स्पष्टीकरण की मांग की और पुलिस के इस दावे को खारिज किया कि यह प्रकरण महज एक सुरक्षा का मुद्दा है।
पिछले महीने संसद का बजट सत्र शुरू हुआ तब से राहुल गांधी छुट्टी पर हैं। एक पुलिस अधिकारी के राहुल गांधी के कार्यालय जाने और वह कैसे दिखते हैं इस बारे में सवाल पूछे जाने को लेकर मीडिया में एक खबर आने के बाद पार्टी प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने घटनाक्रम का ब्यौरा देते हुए कहा कि इस तरह की जासूसी पहले ‘‘गुजरात में सम्पन्न’’ हो चुकी है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की राजनीतिक जासूसी, निगरानी, राजनीतिक विरोधियों के जीवन में इस तरह की घुसपैठ, यह गुजरात माडल हो सकता है। यह भारत का मॉडल नहीं है। ट्रैक रिकॉर्ड यह दर्शाता है कि यह गुजरात में सम्पन्न मॉडल है खासकर राजनीतिक विरोधियों, न्यायधीशों, पत्रकारों और निजी व्यक्तियों के लिए।’’
सिंघवी ने कहा, ‘‘हम सरकार पर आरोप लगा रहे हैं और इस तरह के व्यवहार की निंदा कर रहे हैं। यह सिर्फ कांग्रेस के लिए और राहुल गांधी के लिए विशेष नहीं है बल्कि समान्यतौर पर सभी राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ है।’’
सिंघवी ने घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ दिनों पहले तुगलकरोड थाने से नहीं बल्कि दिल्ली पुलिस मुख्यालय से दिल्ली पुलिस के एक सहायक उप निरीक्षक शमशेर सिंह को जासूसी करते, अनावश्यक और अजीब पूछताछ करते और कांग्रेस उपाध्यक्ष के निवास के आसपास घूमते पाया गया।
सिंघवी ने इसे महज दिल्ली पुलिस से जुड़ा मुद्दा मानने से इंकार किया और इसे एक गंभीर राष्ट्रीय मुद्दा बताया। उन्होंने इसकी तुलना गुजरात के कथित फोन टैपिंग की घटना से की और कहा कि यह ऐसा मामला है जिसके खिलाफ सभी दलों को खड़ा होना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि कोई कानून इस तरह की प्रक्रिया कि इजाजत नहीं देता। उन्होंने भाजपा के उस दावे को हास्यास्पद बताते हुए खारिज किया कि यह दिल्ली पुलिस द्वारा कोई सुरक्षा सर्वेक्षण हो सकता है। सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को संसद सहित सभी मंचों पर उठायेगी।
इस कथित जासूसी के पीछे की मंशा के बारे में पूछे जाने पर सिंघवी ने कहा कि वह यहां अटकलें लगाने के लिए नहीं हैं लेकिन झट से जवाब दिया ‘‘राजनीतिक जासूसी इसलिए नहीं होता क्योंकि आप राजनीतिक विरोधियों से हाथ मिला रहे हैं या उनके साथ भोजन किया है।
सिंघवी ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मी अजीब किस्म के सवाल पूछ रहा था मसलन राहुल गांधी के बाल और आखों के रंग, उनके जूते और वह क्या करते हैं और कहां जाते हैं जैसे ब्यौरे और साथ ही उनके और उनके सहयोगियों के फोन नम्बर और पता के बारे में पूछताछ कर रहा था। जिसे स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप के कर्मियों ने सबसे पहले देखा था।
उन्होंने कहा कि प्रपत्र का शीर्षक था ‘‘राहुल गांधी : एक राजनीतिक दल के नेता। सिंघवी ने कहा कि जो व्यक्ति एसपीजी के घेरे में है उसके बारे में इस तरह के सवाल पूछना विचित्र बात है। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी के निवास पर जो घटना हुई है वह हो सकता है कोई अलग थलग घटना न हो बल्कि आने वाले समय में ऐसी और घटनायें उजागर हो सकती है।