भूमि विधेयक पर सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार करने का कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए भाजपा ने आज कहा कि विपक्षी पार्टी का अध्यादेश पुन: जारी करने की आलोचना करना ‘‘शैतान के प्रवचन देने’ की कहावत जैसा है।

कांग्रेस शासनकाल के पिछले रिकॉर्ड को सामने रखते हुए सत्तारूढ़ पार्टी ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में रिकॉर्ड संख्या में अध्यादेश जारी किये गए और विपक्षी दल को यह अधिकार नहीं है कि वे हमारे ऊपर ‘लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाए।

भाजपा ने अपने सांसदों को पूर्ववर्ती सरकार के दौरान अध्यादेश जारी करने के रिकॉर्ड से लैस करते हुए उनसे संसद में महत्वपूर्ण भूमि विधेयक पारित होने से पहले आलोचना करने वालों का पर्दाफाश करने को कहा।

संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि विपक्षी पार्टी का अध्यादेश मार्ग की आलोचना करना ‘‘शैतान के प्रवचन देने के समान है। ऐसा एक कहावत है।’’ उनका रिकॉर्ड बदतर रहा है। उन्होंने बार बार अध्यादेश का मार्ग अपनाया। पिछले 50 वर्षो में 456 अध्यादेश जारी किये गए।

उन्होंने कहा कि जवाहर लाल नेहरू के समय में 77 अध्यादेश, इंदिरा गांधी के कार्यकाल में तकरीबन 77 अध्यादेश जबकि राजीव गांधी के शासनकाल में 35 अध्यादेश जारी किये गए।

वेंकैया ने कहा, ‘‘ माकपा समर्थिक संयुक्त मोर्चा की सरकार ने 77 अध्यादेश जारी किये अर्थात प्रतिमाह की दर से तीन अध्यादेश जारी किये गए।’’

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि कम्यूनिस्ट पार्टी समर्थिक संयुक्त मोर्चा सरकार के दौरान केवल 61 विधेयक पारित किये गए जबकि 77 अध्यादेश जारी किये गए। वे आज अध्यादेश जारी करने पर आपत्ति व्यक्त कर रहे हैं जबकि इस बारे में विभिन्न पक्षों से व्यापक विचार विमर्श किया गया है।

भाजपा संसदीय पार्टी की बैठक में वेंकैया ने अध्यादेश जारी करने की पूर्व की सरकार के रिकॉर्ड के बारे में बताया।

कांग्रेस को अतीत की याद दिलाते हुए वेंकैया ने कहा, ‘‘दुष्प्रचार की एक सीमा होती है। 10 बार दोहराने से झूठ कभी भी सच नहीं हो सकता है। हम पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाने से पहले आप यह देंखें कि जब आपने आपातकाल लगाया था और लाखों लोगों को जेल में बंद कर दिया, मीडिया को दबाया…. इसे आप क्या कहेंगे। आप पिछली सभी बातें भूल गए हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी आलोचना करने से पहले कुछ होमवर्क करें। सौ चुहे खाकर बिल्ली चली हज हो। हम केवल आपको याद दिलाना चाहते हैं कि आप भी इसे लाए थे।’’

विकास के गुजरात मॉडल का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘आपकी अपनी सरकार ने डीआईपीपी के जरिये एक अध्ययन कराया था जिसमें कहा गया कि गुजरात मॉडल सर्वेश्रेष्ठ है। यह 2014 के चुनाव से पहले डीआईपीपी की रिपोर्ट है।’’

उन्होंने डीआईपीपी के अध्ययन के अनुरूप गुजरात की भूमि नीति को सर्वश्रेष्ठ बताये जाने की उच्चतम न्यायालय द्वारा सराहना करने का जिक्र किया और पूर्व की केंद्रीय भूमि कानून को छल बताया।

वेंकैया ने कहा, ‘‘मैंने अपने सांसदों को इस बारे में बताया और ब्यैरा दिया। सभी तथ्य सामने आने पर संसद में भूमि विधेयक पारित होने से पहले कांग्रेस का लोगों के समक्ष पर्दाफाश हो जायेगा।’’