समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने हाल ही में महाकुंभ मेले में 29 जनवरी को हुई भगदड़ के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। इस सबके बीच इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए एक इंटरव्यू में पार्टी के राज्यसभा सांसद राम गोपाल यादव ने बताया कि उन्हें क्यों लगता है कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार मृतकों की संख्या छिपा रही है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कांग्रेस ही एकमात्र कारण है कि मोदी हारे नहीं, कांग्रेस के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन को अपेक्षित सफलता नहीं मिली।

विपक्ष को ऐसा क्यों लगता है कि कुंभ में हुई भगदड़ में मरने वालों की संख्या अधिक है और उत्तर प्रदेश सरकार वास्तविक आंकड़े छिपा रही है? इस सवाल के जवाब में अखिलेश यादव के चाचा ने कहा, “सरकार की बात पर कोई यकीन नहीं करता। भगदड़ के चश्मदीदों को भी लगता है कि यह सब झूठ है। सरकार ने अभी तक कोई आंकड़ा जारी नहीं किया है। हज़ारों लोग खोया-पाया काउंटर पर पहुँच चुके हैं और मेरे परिवार से जुड़े कुछ लोगों का कहना है कि करीब 15,000 लोग अपने प्रियजनों को ढूँढ़ने के लिए दर-दर भटक रहे हैं।”

इंडिया गठबंधन पर क्या बोले रामगोपाल?

इंडिया गठबंधन की स्थिति क्या है? गठबंधन के शीर्ष नेताओं ने लोकसभा चुनाव के बाद से मुलाकात नहीं की है। इस सवाल पर रामगोपाल ने कहा,”लोकसभा चुनाव के दौरान यह तय किया गया था कि हर राज्य में इंडिया गठबंधन के साझेदार उस पार्टी का समर्थन करेंगे जो भाजपा को हराने में सबसे बेहतर स्थिति में होगी। उदाहरण के लिए, हम दिल्ली में आप का समर्थन कर रहे हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम कांग्रेस के खिलाफ हैं।”

हरियाणा में कांग्रेस भाजपा को हराने की स्थिति में दिख रही थी लेकिन गठबंधन की किसी भी पार्टी ने खुलकर उसका समर्थन क्यों नहीं किया, जैसा कि उन्होंने दिल्ली में आप का समर्थन किया है?

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कांग्रेस सबक नहीं सीखती तो हम क्या करें- सपा सांसद

इस सवाल पर सपा नेता ने कहा, “आप ने हरियाणा में कांग्रेस से पांच सीटें मांगी थीं और हमें बताया गया था कि हमें एक सीट दी जाएगी। हालांकि वे सीट पर सहमत हो गए, लेकिन उसी शाम उन्होंने विनेश फोगट को मैदान में उतार दिया। अगर कांग्रेस सबक नहीं सीखती तो हम क्या कर सकते हैं? अगर अखिलेश-राहुल ने मिलकर प्रचार किया होता तो वे 20 सीटें जीत सकते थे, लेकिन अंत में उन्हें सिर्फ छह सीटें मिलीं।”

क्या आपको लगता है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को 240 सीटों तक सीमित करने के बाद विपक्ष ने अपनी गति खो दी है? इस सवाल प रामगोपाल यादव ने कहा, “मैं क्या कह सकता हूं? कांग्रेस का अहंकार नहीं होता तो देश की ये स्थिति थोड़ी होती?”

बिहार में तेजस्वी 2020 में ही सीएम बन जाते- रामगोपाल

उन्होंने आगे कहा, “बिहार में तेजस्वी 2020 में ही सीएम बन जाते, लेकिन कांग्रेस सहमत नहीं हुई। वे 70 सीटों पर लड़े और सिर्फ 19 सीटें जीतीं, जबकि आरजेडी और अन्य गठबंधन सहयोगियों का स्ट्राइक रेट 53-54 प्रतिशत रहा। अगर तेजस्वी सीएम होते, तो विपक्ष बिहार में 30 लोकसभा सीटें जीतता और मोदी पीएम नहीं बनते। उन्हें समझ नहीं आ रहा, मुझे आश्चर्य है कि उनके सलाहकार कौन हैं।”

समाजवादी पार्टी के नेता ने आगे कहा, “हम सभी चाहते हैं कि कांग्रेस उन राज्यों में सीटें जीते जहां वे मजबूत हैं। हिमाचल प्रदेश में वे सरकार में हैं लेकिन उन्हें जीरो सीटें मिलीं। छत्तीसगढ़ में जहां वे सत्ता में थे, उन्हें कुछ भी नहीं मिला। तेलंगाना और कर्नाटक में सत्ता में होने के बावजूद, भाजपा ने उनसे बेहतर प्रदर्शन किया। तो जो मोदीजी हट नहीं पाए, उनके कारण सिर्फ कांग्रेस है । राजद को छोड़कर हर दूसरी (इंडिया ब्लॉक) पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया।”

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कांग्रेस पर क्या बोले रामगोपाल यादव?

सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के रूप में कांग्रेस को क्या करना चाहिए? इस पर सपा नेता ने कहा, “घर के बड़े लोगों की जिम्मेदारी ज्यादा होती है, लेकिन वे बात भी नहीं करते। हरियाणा चुनाव के दौरान मैंने अखिलेश से पूछा कि क्या हमें सीटें मिलीं? उन्होंने कहा कि वे बात भी नहीं कर रहे हैं। अगर वे कल सरकार बनाने का दावा करते हैं तो वे हमारे बिना नहीं कर सकते लेकिन वे उस पार्टी के नेता से बात नहीं करते जिसके पास 37 सांसद हैं।”

रामगोपाल ने आगे कहा, “यूपी में उनके पास कुछ भी नहीं है लेकिन हमने उन्हें सीटें दीं क्योंकि हम नहीं चाहते थे कि वे यह आरोप लगाएं कि हम भाजपा को हराना नहीं चाहते। अगर हम उनका समर्थन नहीं करेंगे तो वे विधानसभा चुनाव में अपना खाता भी नहीं खोल पाएंगे। दिल्ली में, जहाँ उनके पास एक भी सीट नहीं है, उन्हें आप से बात करके आठ से दस सीटें माँगनी चाहिए थीं। अब वे क्या कर रहे हैं?”

सपा नेता ने कहा कि जो बातें भाजपा केजरीवाल के बारे में नहीं कह रही है, राहुल गांधी कह रहे हैं। इससे गलत संदेश जाता है कि भाजपा और कांग्रेस एक ही भाषा बोलते हैं। अगर भाजपा दिल्ली जीतती है, तो आने वाला समय बताएगा कि इसका विपक्ष पर कितना प्रतिकूल असर पड़ता है। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से जुड़े लेटेस्ट अपडेट्स