कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को (15 जनवरी) आर्मी डे के मौके पर जवानों को बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने सोशल नेटवर्किंग साइट टि्वटर पर हेलिकॉप्टर का फोटो भी पोस्ट किया। असहज स्थिति उस वक्त पैदा हो गई जब पता चला कि भारतीय सेना तो इस हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल ही नहीं करती है। टि्वटर पर राहुल गांधी का पोस्ट सामने आते ही लोगों ने तरह-तरह के कमेंट करने शुरू कर दिए। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘हम आर्मी डे के मौके पर अपने बहादुर जवानों की दिलेरी, साहस और बलिदान को सैल्यूट करते हैं। आपकी दृढ़ता से ही हमारी स्वतंत्रता की रक्षा होती है। आपके समर्पण से हमारी आजादी अक्षुण्ण रहती है। आपके बलिदान के कारण ही एक अरब उम्मीदें और सपने आकार ले पाती हैं।’ सेना की बागडोर भारतीय के हाथ में आने की याद में हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस या आर्मी डे के तौर पर मनाया जाता है।

राहुल के इस ट्वीट के साथ ही उन्होंने एक हेलिकॉप्टर और कुछ जवानों का ग्राफिक्स भी पोस्ट किया था। इसके सामने आते ही लोगों ने उन्हें याद दिलाया कि यह ‘बेल हुय’ हेलिकॉप्टर है, जिसका भारतीय सेना इस्तेमाल नहीं करती है। इसके बाद लोगों की प्रतिक्रियाएं आने का सिलसिला शुरू हो गया। वासु ने ट्वीट किया, ‘इन राजनेताओं को हमेशा यही पसंद आता है। पियूष गोयल की तरह जिन्होंने एलईडी प्रोजेक्ट के लिए कनाडा की एक तस्वीर ट्वीट कर दी थी।’ अयप्पा ने लिखा, ‘आपलोगों को तथ्यों की गंभीरता से जांच-पड़ताल करनी चाहिए।’ पंकज नाथ ने लिखा, ‘वह कैसे जान पाते कि वह पप्पू और मूर्खों के राजा हैं।’ कुछ लोगों ने उनके राहुल का बचाव भी किया। आर्या ने ट्वीट किया, ‘इस फोटो का सेना के लिए प्रतिकात्मक तौर पर इस्तेमाल किया गया था। यह ट्वीट फोटो के लिए नहीं बल्कि सेना के सम्मान के लिए है, इसका पोस्टमार्टम करने की क्या जरूरत है।’

लेफ्टिनेंट जनरल केएम. करियप्‍पा ने 15 जनवरी, 1949 में ब्रिटिश जनरल सर फ्रांसिस बुचर से सेना की कमान ली थी। वह सेना की कमान संभालने वाले पहले सैन्य अधिकारी थे। इसकी याद में हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस के तौर पर मनाया जाता है। जनरल फ्रांसिस भारत में ब्रिटेन के अंतिम सेना प्रमुख थे। अंग्रेजों ने 1947 में भारत छोड़ा था, लेकिन अंतरिम व्यवस्था के तौर पर कई विभाग अंग्रेज अधिकारियों के पास थे। इसमें सेना प्रमुख का पद भी शामिल था।