कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर फिर से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए क्योंकि देश में कानून व्यवस्था से जुड़ी ज्यादातर गड़बड़ियों के लिए यही संगठन जिम्मेदार है। उन्होंने यह भी कहा कि ये उनके व्यक्तिगत विचार हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के एक बयान से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए कहा, “मेरा व्यक्तिगत विचार है कि (आरएसएस पर) प्रतिबंध लगाना चाहिए।’’ खड़गे ने दावा किया कि देश में कानून व्यवस्था से जुड़ी ज्यादातर गड़बड़ियों के लिए आरएसएस और भाजपा जिम्मेदार हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी झूठ को सच में बदलने में माहिर हैं। उन्होंने कहा कि पटेल ने भारत के धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक स्वरूप की रक्षा के लिए आरएसएस को प्रतिबंधित किया था। उन्होंने कहा, ‘‘आप (भाजपा) हर चीज के लिए कांग्रेस को दोष देते हैं तो अपनी करतूत को भी देख लीजिए।’’ खरगे ने कहा, ‘‘सच को जितना मिटाने की कोशिश कर लो, वह नहीं मिटेगा।’’
नेहरू और पटेल के बीच थे अच्छे संबंध
उनका कहना था, ‘‘वे (प्रधानमंत्री और भाजपा) हमेशा स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के बीच झगड़ा दिखाने की कोशिश करते हैं, जबकि नेहरू और पटेल के बहुत अच्छे रिश्ते थे और पटेल ने नेहरू को जनता का नेता बताया था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा से कहना चाहता हूं कि दही में कंकड़ मत ढूंढो। आपका इतिहास सबको मालूम है। नेहरू ने ही सबसे पहले गुजरात में पटेल की प्रतिमा का अनावरण किया था और सरदार सरोवर बांध की बुनियाद रखी थी।’’
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि सरदार पटेल अन्य रियासतों की तरह पूरे कश्मीर को भारत में मिलाना चाहते थे, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ऐसा नहीं होने दिया। गुजरात के एकता नगर में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के पास राष्ट्रीय एकता दिवस परेड के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘सरदार पटेल का मानना था कि इतिहास लिखने में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए बल्कि इतिहास बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।’’
मोदी ने कहा, ‘‘सरदार पटेल पूरे कश्मीर का एकीकरण करना चाहते थे जैसा उन्होंने अन्य रियासतों के साथ किया था। लेकिन नेहरू जी ने उनकी इच्छा पूरी नहीं होने दी। कश्मीर का विभाजन हुआ, उसे अलग संविधान और अलग झंडा दिया गया और कांग्रेस की इस गलती का खामियाजा देश को दशकों तक भुगतना पड़ा।’’

