कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मचे घमासान के बीच दिग्विजय सिंह ने कहा कि 30 तारीख तक इंतजार करें। अगले महीने अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होना है और इस रेस में कई लोगों का नाम सामने आ चुका है। हालांकि, अभी तक किसी ने भी नामांकन फाइल नहीं किया है। 24 सितंबर से 30 सितंबर के बीच नामांकन दाखिल किया जाना है, लेकिन अभी तक कोई भी नोमिनेशन फाइल नहीं किया गया।
इस बीच अगले अध्यक्ष पद के लिए दिग्विजय सिंह का भी नाम सामने आ रहा है। इस पर उन्होंने कहा कि 30 तारीख तक का इंतजार करिए। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जब एक पत्रकार की ओर से दिग्विजय से इस बारे में सवाल किया गया तो, उन्होंने कहा कि पार्टी जो फैसला करेगी 30 तारीख तक वो देखते हैं क्या होता है। वहीं, जब उनसे नोमिनेशन फाइल करने को लेकर सवाल किया गया तो दिग्विजय ने कहा कि उन्होंने अभी कुछ तय नहीं किया है।
बता दें कि अध्यक्ष पद की रेस में शशि थरूर और अशोक गहलोत के अलावा पार्टी के कई दिग्गज नेताओं का नाम सामने आ रहा हे। जिन्हें लेकर ऐसा माना जा रहा था कि वह अध्यक्ष पद की रेस में शामिल हो सकते हैं। इनमें कमलनाथ और मनीष तिवारी समेत कई नाम हैं। हालांकि, सबसे ज्यादा चर्चा अशोक गहलोत के नाम की थी और उनके अध्यक्ष बनने की संभवना भी काफी ज्यादा जताई जा रही है, लेकिन राजस्थान में मचे सियासी ड्रामे के कारण स्थितियां काफी बदल गई हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संकेत दिए थे कि अगर गहलोत अध्यक्ष बने तो मुख्यमंत्री का पद उनको छोड़ना पड़ेगा। इसके बाद अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों ने कहा कि गहलोत दोनों पद संभाल सकते हैं। राजस्थान की सियासत में इस उथल-पुथल के बीच गहलोत के 90 समर्थक विधायकों ने स्पीकर सीपी जोशी को अपना इस्तीफा सौंप दिया और सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर भी असहमति जताई।
इस बीच मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन विधायक दल की बैठक के लिए जयपुर पहुंचे, लेकिन विधायकों ने बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया। हालांकि, राजस्थान में चल रही इस स्थिति को लेकर गहलोत ने मल्लिकार्जुन खड़गे से माफी मांगी है और कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था, लेकिन विधायकों की बगावत में उनका कोई लेना-देना नहीं है। वहीं, खड़गे का मानना है कि गहलोत की सहमति के बिना विधायकों ने यह कदम नहीं उठाया है। इसके साथ ही पार्टी हाईकमान भी अशोक गहलोत से काफी नाराज है। अब गहलोत खेमे के विधायकों ने कहा है कि वह सिर्फ इतना चाहते हैं कि अगर गहलोत अध्यक्ष बनते हैं तो अगले सीएम के लिए उनसे राय ली जाए और फिर पार्टी हाईकमान सोनिया गांधी का जो फैसला होगा उसे वह मानेंगे।