राहुल गांधी के “वोट चोरी” अभियान के अनुरूप, कांग्रेस ने “बूथ रक्षकों” की नियुक्ति के लिए एक “पायलट परियोजना” शुरू की है। इसका मकसद जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को “मतदाता सूची में अनियमितताओं” का पता लगाने और रिपोर्ट करने के लिए प्रशिक्षित करना है।

कांंग्रेस पार्टी ने “पायलट प्रोजेक्ट” के लिए पांच लोकसभा क्षेत्रों – राजस्थान में जयपुर ग्रामीण और अलवर, छत्तीसगढ़ में जांजगीर-चांपा, मध्य प्रदेश में मुरैना और उत्तर प्रदेश में बांसगांव को चुना है। यहां उसके उम्मीदवार 2024 के चुनावों में अपेक्षाकृत कम अंतर से हारे थे। हर बूथ रक्षक 10 बूथों का प्रभारी होगा और उसे 10 बूथ लेवल एजेंटों की एक टीम सौंपी गई है।

निगरानी के लिए पांच लोगों की टीम बनाई

कांंग्रेस पार्टी ने इस प्रक्रिया की निगरानी के लिए पांंच नेताओं की एक टीम बनाई है। बताया जा रहा है कि इस टीम ने सभी पांचों निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करके और बूथ स्तर पर स्थानीय नेतृत्व के लिए वोटर लिस्ट की समीक्षा पर ट्रेनिंग वर्कशॉप आयोजित करके जमीनी स्तर पर काम शुरू कर दिया है।

सूत्रों ने बताया कि वे वोटर लिस्ट में अनियमितताओं के बारे में भी आंकड़े जुटा रहे हैं, जिन्हें आगे की जांच के लिए कांग्रेस हाईकमान को सौंपा जाएगा। AICC के एक सूत्र ने बताया, “टीम लोकल लीडरशिप को वोट चोरी पकड़ने का ट्रेनिंग दे रही है; यह जिन निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा कर रही है, वहां के प्रत्येक बूथ की वोटर लिस्ट की जांच कर रही है।”

टीम कांग्रेस लीडर्स को क्या सीखा रही?

एक सूत्र ने बताया कि स्थानीय नेताओं को चुनावी प्रक्रिया में फॉर्म 6, 7 और 8 के इस्तेमाल की ट्रेनिंग दी जा रही है। यह एक दो-आयामी दृष्टिकोण है – स्थानीय नेतृत्व को ट्रेनिंग देना और वोटर में अनियमितताओं, नाम हटाने और जोड़ने पर नजर रखना।

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एक अन्य पार्टी सूत्र ने बताया, “टीम इस बात पर जागरूकता बढ़ा रही है कि वोट चोरी कैसे की जा रही है, कार्यकर्ताओं को एक पते पर बड़ी संख्या में मतदाताओं, नामों के दोहराव, अयोग्य मतदाताओं, बूथ स्तर पर उन्हें कैसे ट्रैक किया जाए और उनके नाम कैसे हटाए जाएं, जैसे मुद्दों पर सचेत कर रही है। फिर, वोटर लिस्ट में मृत लोगों के बने रहने और जीवित लोगों को मृत घोषित किए जाने का मुद्दा भी है। यह मतदाताओं के नाम हटवाने और जुड़वाने की प्रक्रिया के बारे में भी जागरूकता बढ़ा रहा है।”

2024 के लोकसभा चुनाव में जयपुर ग्रामीण से कांग्रेस उम्मीदवार अनिल चोपड़ा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “हम इन बूथ रक्षकों की नियुक्ति इसलिए कर रहे हैं ताकि वे वोटर लिस्ट में अनियमितताओं का पता लगा सकें और पार्टी के संज्ञान में ला सकें। हम लोकल लीडरशिप को वोट चोरी के विभिन्न तरीकों की ट्रेनिंग भी दे रहे हैं।” अनिल चोपड़ा लोकसभा चुनाव में बीजेपी के राव राजेंद्र सिंह से 1615 वोट से हार गए थे। उन्होंने कहा कि जयपुर ग्रामीण में 380 बूथ हैं और पार्टी ने स्थानीय नेतृत्व से 38 बूथ रक्षक नियुक्त किए हैं।

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