कांग्रेस पार्टी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर एकबार फिर से बड़ा आरोप लगाया है। कांग्रेस की तरफ से आरोप लगाया गया है कि मोदी सरकार अमेरिका से प्रीडेटर ड्रोन्स ज्यादा दाम में खरीद रही है जबकि अन्य देश चार गुना कम कीमत में इन ड्रोन्स की खरीद कर रहे हैं।

कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेता पवन खेड़ा ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “जो राफेल डील में हुआ, वहीं अब Predator Drones की खरीद में भी दोहराया जा रहा है।”

उन्होंने कहा कि जिस ड्रोन को बाकी मुल्क चार गुना कम कीमत में खरीदते हैं, उसी ड्रोन के लिए हम 110 मिलियन डॉलर यानी की 880 करोड़ रुपये प्रति ड्रोन खर्च कर रहे हैं। पवन खेड़ा ने कहा कि भारत सरकार 25 हजार करोड़ रुपये के 31 ड्रोन खरीद रही है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी औऱ राष्ट्रपति बाइडेन के संयुक्त बयान के 6वें पॉइंट में इन ड्रोन्स का जिक्र है।

इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल किया कि भारत अन्य देशों के मुकाबले ड्रोन के लिए ज्यादा कीमत क्यों दे रहा है? उन्होंने मोदी सरकार से ड्रोन्स की संख्या को लेकर भी सवाल किया। उन्होंने कहा कि दो महीने पहले अप्रैल 2023 में इंडियन आर्म्ड फोर्स की तरफ से मोदी सरकार को बताया गया था कि सिर्फ 18 प्रीडेटर ड्रोन्स की जरूत हैं न कि 31 तो फिर अब मोदी सरकार 31 ड्रोन्स क्यों खरीद रही है?

‘अन्य देश इन्हीं ड्रोन्स को कम दाम में खरीद रहे हैं’

कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आगे कहा कि कई देशों ने इन MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन्स को या फिर इनसे मिलते-जुलते ड्रोन्स को भारत से कम कीमत में खरीदा है। इस दौरान उन्होंने अपनी बात रखने के लिए कई उद्धाहरण भी दिए।

उन्होंने कहा कि अमेरिकन एयर फोर्स ने MQ-9 ड्रोन के सुपरियर वर्जन को 56.5 मिलियन अमेरिकी यूएस डॉलर प्रति ड्रोन के हिसाब से खरीदा। साल 2016 में यूके एयर फोर्स ने MQ-9B ड्रोन 12.5 मिलियन यूएस डॉलर प्रति ड्रोन के रेट पर खरीदा। स्पेन ने इन ड्रोन्स को 46.5 मिलियन यूएस डॉलर प्रति ड्रोन और जर्मनी ने 17 मिलियन डॉलर प्रति ड्रोन के हिसाब से खरीद की।