2019 का लोकसभा चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस हर संभव कोशिश कर रही है। एक तरफ राज्यों में क्षेत्रीय दलों से गठबंधन कर रही है और गैर भाजपा दलों से गठजोड़ कर रही है तो दूसरी तरफ बीजेपी और नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलने में एक भी मौके से परहेज नहीं कर रही है। इसी सिलसिले में कांग्रेस के प्रवक्ता और बड़े नेता देशभर के अलग-अलग हिस्सों में पिछले पांच दिनों से राफेल घोटाले पर प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर रहे हैं और उसे जनता के सामने लाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि मोदी सरकार के खिलाफ देश भर में हवा बनाई जा सके। पांच सितंबर को कांग्रेस के छह बड़े नेताओं ने वाराणसी, कानपुर, पटना, हिसार, सूरत और वारंगल में प्रेस कॉन्फ्रेन्स किया जबकि एक दिन पहले चार सितंबर को देश भर के नौ स्थानों पर अलग-अलग नेताओं ने पीसी की। बता दें कि साल 2012 और 2013 में बीजेपी ने भी यूपीए सरकार में बढ़ती महंगाई, तेल के बढ़ते दाम और करप्शन को हथियार बनाकर देशव्यापी आंदोलन किया था और सभी राज्यों की राजधानी में प्रेस कॉन्फ्रेन्स किया था। इससे आम जनता के बीच यूपीए सरकार के खिलाफ एक जनाक्रोश बना जिससे बीजेपी को 2014 के आम चुनावों में फायदा मिला।
महंगाई और करप्शन के मुद्दे पर बीजेपी के बड़े नेताओं ने जून 2012 में देशभर में अलग-अलग शहरों में आंदोलन चलाया था और गिरफ्तारी दी थी। उनमें अरुण जेटली, राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, रविशंकर प्रसाद, मुख्तार अब्बास नकवी, विजय मल्होत्रा, विजेंद्र गुप्ता समेत कई नेता शामिल थे। जेटली ने तब जंतर-मंतर से आरोप लगाया था कि मनमोहन सिंह सरकार की गलत नीतियों, भ्रष्टाचार और बढ़ते घोटालों के कारण अर्थव्यवस्था बर्बादी की कगार पर पहुंच गई है, जिस कारण विदेशी निवेशक भारत में निवेश नहीं कर पा रहे हैं। जेटली ने कहा था कि बाजार में कच्चे तेल के मूल्य के हिसाब से दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 50 रुपये लीटर होनी चाहिए मगर आज जब उनकी खुद की सरकार है तब भी पेट्रोल की कीमत 80 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच चुकी है जबकि कच्चे तेल की कीमत में कमी आई है।
इनके अलावा बीजेपी ने राम मंदिर निर्माण और हिन्दू कार्ड भी खेला। साधु-संतों के साथ बैठकें की और चुनावी रणनीति बनाई थी। कांग्रेस ने भी इस बार बीजेपी के रास्ते पर चलकर न सिर्फ मंदिर बल्कि गाय और हिन्दू राग भी अलापना शुरू कर दिया है। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी जहां कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर हैं, वहीं पार्टी के नेता मध्य प्रदेश में एलान कर रहे हैं कि उनकी सरकार बनी तो हरेक पंचायत में गौशाला बनबाएंगे। पार्टी हिन्दू कार्ड खेलते हुए सवर्णों को भी साधने में जुटी है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एलान किया है कि हरियाणा में सरकार बनी तो ब्राह्मणों को 10 फीसदी आरक्षण देंगे।
Congress party continues its series of Press Conferences exposing the Modi Govt on the Rafale Scam.
Here is the list of speakers/places for today:- pic.twitter.com/tJPe9wAJHE
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 4, 2018
2014 के चुनाव से पहले बीजेपी ने दलित अत्याचार और किसानों का भी मुद्दा उठाया था और उसका चुनावी फायदा पाया था। जमीन अधिग्रहण और मिनिमम सपोर्ट प्राइस के मुद्दे पर किसानों ने बीजेपी का साथ दिया था लेकिन अब किसान बीजेपी सरकार से नाराज बताए जा रहे हैं। साल 2012 में राजनाथ सिंह ने किसानों की बात उठाई थी और आरोप लगाया था कि किसानों को उपज का वाजिब मूल्य नहीं मिल रहा है। आज कांग्रेस भी यही आरोप लगा रही है कि किसानों की दशा खराब है और बिचौलिए उपज का लाभ उठा रहे हैं। कांग्रेस ने किसानों और दलितों को रिझाना शुरू कर दिया है।