Unifrom Civil Code: समान नागरिक संहिता (uniform civil code) को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान को लेकर राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इसे लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा है। विपक्षी दलों का कहना है कि यूसीसी को लेकर सरकार की नीयत ठीक नहीं हैं। पीएम मोदी के बयान के बाद अब कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि एक घर में दो कानून को लेकर पीएम मोदी का बयान यूसीसी के मायने में ठीक नहीं है। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने यूसीसी को लेकर देश और परिवार की तुलना को गलत बताया है।

पीएम मोदी के बयान के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट कर लिखा, माननीय प्रधानमंत्री ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की वकालत करते हुए राष्ट्र को परिवार के बराबर बताया है। सामान्य रूप से देखने पर ये तुलना सही लग सकती है, लेकिन वास्तविकता बहुत अलग है। चिदंबरम ने कहा कि कोई भी परिवार खून के रिश्तों से एक धागे में बंधा होता है। वहीं देश संविधान से एक साथ आता है। वह एक कानूनी दस्तावेज है। चिदंबरम ने कहा कि भारत के संविधान ने भारत के लोगों के बीच विविधता और बहुलता को मान्यता दी है।

चिदंबरम ने कहा कि यूसीसी को सरकार किसी एजेंडे को लेकर लोगों पर थोप नहीं सकती है। इस मामले पर पहले लॉ कमीशन की रिपोर्ट पढ़नी चाहिए। चिदंबरम ने कहा कि लॉ कमीशन ने भी कहा कि यूसीसी को इस समय लाना संभव नहीं है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि देश में बेरोजगारी और महंगाई जैसे तमाम मुद्दे हैं लेकिन वह उन मुद्दों से देश का ध्यान भटकाना चाहते हैं।

पीएम मोदी ने क्या दिया था बयान?

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भोपाल में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के मुसलमानों को यह समझना होगा कि कौन से राजनीतिक दल उनको भड़का रहे हैं। आजकल UCC के नाम पर भड़का रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि एक घर में एक सदस्य के लिए एक कानून हो और दूसरे के लिए दूसरा तो घर चल पायेगा क्या? तो ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा? ये लोग हम पर आरोप लगाते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि ये अगर मुसलमानों के सही हितैषी होते तो मुसलमान पीछे नहीं रहते। सुप्रीम कोर्ट बार-बार कह रहा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लाओ लेकिन ये वोट बैंक के भूखे लोग ऐसा नहीं करना चाहते।