महाराष्ट्र में विरोधी विचारधाराओं के मेल से बनी गठबंधन सरकार में हर दिन तकरार के मामले सामने आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं ने शिवसेना प्रमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। तीनों दलों के बीच तालमेल में कमी की बात लगातार सामने आ रही है। उद्धव को बीएमसी के कुछ निर्माण कार्यों का शुभारंभ करना था।
विज्ञापन में नाम से शुरू हुआ बवालः सरकार संचालन के लिए महाविकास अघाड़ी नाम की एक समिति का गठन किया गया है, ताकि समन्वय बना रहे। लेकिन इसके बावजूद स्थिति नियंत्रण से बाहर दिख रही है। ताजा विवाद भूमिपूजन-लोकार्पण कार्यक्रम की निमंत्रण पत्रिका और विज्ञापन में नेताओं के नाम नहीं होने को लेकर हुआ है। इसमें बीएमसी की कई समितियों के अध्यक्षों के नाम नहीं हैं। इससे नाराज होकर बीएमसी में कांग्रेस के नेता विपक्ष रवि राजा, समाजवादी पार्टी के रईस शेख और एनसीपी की राखी जाधव ने उद्धव ठाकरे के कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया है। नाराज नेताओं ने महापौर किशोरी पेडणेकर को इस संबंध में पत्र भी लिखा है।
इन कार्यक्रमों का हुआ बहिष्कारः उद्धव ठाकरे को रविवार (26 जनवरी) को मुंबई महानगर पालिका के महालक्ष्मी इलाके में स्थित दो ओवर ब्रिज, लोअर परेल के एक ओवर ब्रिज, फ्री बर्ड कॉरिडोर आदि का शुभारंभ करना है। मुंबई में 64 स्थानों पर मियावाकी पद्धति से पौधे लगाए जाएंगे। इन्हीं कार्यक्रम के पोस्टर को लेकर कांग्रेस-एनसीपी के नेता उनसे नाराज हो गए।
लगातार जारी है तकरारः गौरतलब है कि बीते दिनों शिवसेना नेता संजय राउत के बयानों के चलते भी कांग्रेस ने नाराजगी जाहिर की थी। राउत ने पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर विवादित बयान दिया था, जिस पर कांग्रेस भड़क गई थी। इसके बाद तीखी प्रतिक्रियाओं का दौर थमा भी नहीं था कि राउत ने सावरकर को लेकर बयान दे डाला।