महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पार्टी की एक बड़े पदयात्रा का नेतृत्व कीं। इस दौरान भारी संख्या में कांग्रेस के नेता एवं कार्यकर्ता सड़क पर उतरे और 3 किलोमीटर तक मार्च निकाला। लेकिन, इस दौरान सभी लोगों का ध्यान महात्मा गांधी का वेश धारण किए लोगों ने खींचा। धोती, गमझा और लाठी लिए ये लोग नंगे पैर सड़क पर मार्च करते दिखाई दिए। लेकिन, खबर है कि जिन लोगों को गांधी की वेश-भूषा में सड़क पर उतारा गया, बाद में उनसे तमाम कपड़े वापस ले लिए गए।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के कॉलम ‘लखनऊ कॉन्फिडेंशल’ में छपा है कि पदयात्रा के दौरान महात्मा गांधी के रूप में 100 से अधिक लोगों को तैयार किया गया था। गौर करने वाली बात यह है कि इन्हें पड़ोसी जिलों से लाया गया था और ये दिहाड़ी मजदूर थे। कांग्रेस के नेताओं ने उन्हें महात्मा गांधी के अवतार में उतारने के लिए विशेष मेकअप और पोशाक का प्रबंध किया गया था। जिसमें गोल चश्मा, एक लाठी, उनके सिर को ढंकने के लिए एक कपड़ा, एक सफेद धोती और एक सफेद दुपट्टा शामिल था। इन लोगों ने हुजूम के साथ शहीद स्मारक से जीपीओ पार्क तक पूरे 3 किलोमीटर नंगे पांव पदयात्रा की। हालांकि, सूत्रों ने बताया कि पदयात्रा के समापन के बाद, उन्हें कपड़े और अन्य प्रॉप्स जमा करने के लिए कहा गया था। क्योंकि, वे लखनऊ की एक दुकान से किराए पर लिए गए थे।
पदयात्रा को लेकर कांग्रेस काफी उत्साहित दिखाई दे रही थी। हालांकि, उस दौरान पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा, लेकिन उन्होंने मीडिया से बातचीत में चिन्मयानंद प्रकरण को जरूर उठाया था। उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा था कि बीजेपी पहले बापू के बताए सत्य के पथ पर चले, फिर बात करे।
उन्होंने कहा था कि यूपी में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। अपराधी प्रदेश सरकार की शरण में हैं और सरकार उन्हें सुरक्षा मुहैया करा रही है। गौरतलब है कि कांग्रेस यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र बीजेपी को टक्कर देने की कोशिश में जुटी है। लिहाजा, प्रदेश में अपना खोया हुआ जनाधार हासिल करने के लिए प्रियंका लगातार यूपी का दौरा कर रही हैं।
