Gujarat Bypolls: गुजरात कांग्रेस में निराशा का माहौल है। यह निराशा विसावदर और कडी सीट पर आए चुनाव नतीजों से पैदा हुई है। दोनों सीटों पर पार्टी को हार मिली है। हार के बाद गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। विसावदर सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार गोपाल इटालिया ने जीत दर्ज की और कडी सीट पर बीजेपी को जीत मिली। 2017 में कांग्रेस विसावदर सीट पर जीती थी लेकिन उसके विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे।
77 से 17 पर आ गई थी पार्टी
2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में 77 सीटें जीतने वाली कांग्रेस 2022 में सिर्फ 17 सीटों पर सिमट गई थी। हालिया दोनों उपचुनाव के नतीजों के बाद यह सवाल पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को परेशान कर रहा है कि अब आगे क्या होगा?
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राहुल ने कहा था- गुजरात में बीजेपी को हराएंगे
याद दिलाना होगा कि राहुल गांधी ने गुजरात में बीजेपी को हराने की हुंकार भरी थी। उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद गुजरात का दौरा किया था और हाल ही में पायलट प्रोजेक्ट के तहत राज्य में जिला कांग्रेस कमेटी (DCC) के अध्यक्षों की नियुक्तियां भी की लेकिन उपचुनाव के नतीजों के बाद पार्टी नेता हताश दिखाई देते हैं।
दोनों सीटों पर गिरा वोट शेयर
शक्ति सिंह गोहिल ने कहा है कि पार्टी के कहने के बाद भी वह अध्यक्ष पद नहीं संभालेंगे। विसावदर सीट पर कांग्रेस का वोट शेयर लगभग 8% जबकि कडी सीट पर उसके वोट शेयर में 4% की गिरावट आई है और इन नतीजों ने पार्टी में कई नेताओं को बेचैन कर दिया है।
गुजरात में कांग्रेस के एक विधायक द इंडियन एक्सप्रेस से कहते हैं कि कांग्रेस ने इन दो सीटों पर जितना काम करना चाहिए था उतना नहीं किया। गुजरात में कांग्रेस के पूर्व सांसद सवाल पूछते हैं कि पार्टी ने DCC के अध्यक्षों की पहली सूची में किसी मुस्लिम नेता को शामिल क्यों नहीं किया? उनका मानना है कि इससे गलत संदेश गया हालांकि बाद में पार्टी ने इसमें बदलाव किया और भरूच में मुस्लिम नेता को DCC का अध्यक्ष बनाया।
गोहिल को पूरी आजादी नहीं मिली
पूर्व सांसद कहते हैं, ‘शक्ति सिंह गोहिल को पूरी आजादी नहीं दी गई, सभी नियुक्तियां केंद्रीय नेतृत्व द्वारा तय की जाती हैं। पार्टी में गुटबाजी की वजह से वह काम नहीं कर पाए होंगे।’ एक युवा नेता कहते हैं कि DCC अध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया में खामियां हैं।
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राहुल की टिप्पणी से नाराज हैं कांग्रेसी
एक अहम बात यह कि राहुल गांधी द्वारा कांग्रेसियों की तुलना बार-बार “शादी का घोड़ा” और “रेस का घोड़ा” से करने से पार्टी नेताओं के साथ-साथ उनके कई वफादार समर्थक भी नाराज हो गए हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं, ‘मैं दशकों से कांग्रेस में हूं लेकिन इस तरह की टिप्पणी से मुझे बेहद खराब लगा है।’
…50 सीटें भी नहीं जीत सकते
कुछ युवा नेता कहते हैं, ‘आज पार्टी जिस हालत में है, हम 50 सीटें भी नहीं जीत सकते, सरकार बनाना तो दूर की बात है।’ एक युवा नेता कहते हैं, ‘मुझे एक भी बड़ा नाम बताइए जो कांग्रेस में शामिल हुआ हो।’ निश्चित रूप से गुजरात कांग्रेस के नेताओं में निराशा दिखाई देती है और ऐसे में सवाल यही है कि राहुल गांधी 2027 के विधानसभा चुनाव तक क्या पार्टी को बीजेपी का मुकाबला करने की स्थिति में ला पाएंगे?
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