कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बहन प्रियंका को राजनीति में आधिकारिक एंट्री दे दी है। आम चुनाव 2019 से ऐन पहले प्रियंका को पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान सौंपी गई है। राजनीतिक समीक्षक कांग्रेस के इस फैसले के अलग-अलग मायने निकाल रहे हैं। वहीं, पार्टी में एक खेमा ऐसा भी है जो प्रियंका गांधी को मिली इस नई जिम्मेदारी से बेहद खुश है। द इंडियन एक्सप्रेस के कॉलम एक्सप्रेस कॉन्फिडेंशल में छपी खबर के मुताबिक, प्रियंका के कद बढ़ने को कई कांग्रेसी नेता व्यक्तिगत अवसर के तौर पर देख रहे हैं। ऐसे कई नेता हैं, जो राहुल गांधी की गुड बुक में नहीं हैं। राहुल गांधी के अध्यक्ष पद संभालने के बाद इन नेताओं को साइडलाइन कर दिया गया था। ऐसे में प्रियंका की पार्टी में एंट्री ने ऐसे नेताओं को जोश से भर दिया है, जिन्होंने पूर्व में प्रियंका का पार्टी में कद बढ़ाए जाने की खुलेआम वकालत की थी। इन नेताओं को ऐसा लगता है कि कांग्रेस में एक और पावर सेंटर बन सकता है, जिनमें उनको भी जगह मिल सकती है।

उधर, प्रियंका गांधी को मिले इस मौके पर अन्य राजनीतिक दलों ने खुलकर प्रतिक्रिया दी है। हालांकि, सपा प्रमुख अखिलेश यादव की चुप्पी पर सबकी नजरें हैं। यूपी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी, दोनों ही दलों के नेता इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि 2017 विधानसभा चुनाव से पहले कैसे प्रियंका ने दोनों पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर एक आम सहमति बनाने में भूमिका निभाई थी। प्रियंका ने उस वक्त दखल दी थी, जब सीटों को लेकर अखिलेश और राहुल गांधी की बातचीत बेनतीजा हो गई थी। जब इस बारे में पूछा गया तो समाजवादी पार्टी के एक नेता ने कहा कि इस मुद्दे पर टिप्पणी करने की जरूरत नहीं है। दिलचस्प चीज यह है कि प्रियंका के पार्टी में उत्थान पर एक और बड़े राजनेता ने चुप्पी साध रखी है। वह हैं तृणमूल पार्टी की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी।

बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रियंका को उस उत्तर प्रदेश-पूर्व की जिम्मेदारी सौंपी जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी लोकसभा सीट और मुख्यमंत्री योगी की पूर्व गोरखपुर संसदीय सीट है। पार्टी के एक बयान के अनुसार, प्रियंका गांधी फरवरी के पहले हफ्ते में अपनी नयी जिम्मेदारी संभालेंगी। 47 वर्षीय उत्तर प्रदेश में अपने भाई राहुल की मदद करेंगी जो 1980 के दशक के मध्य तक पार्टी का मजबूत गढ़ रहा था। राहुल ने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं कि मेरी बहन प्रियंका लोकसभा चुनव में उत्तर प्रदेश में मेरी मदद करेंगी, वह बहुत काबिल हैं। गुजरात हो या उत्तर प्रदेश, हम फ्रंट फुट पर खेलेंगे।’ (भाषा इनपुट्स के साथ)